नियोजन नीति के बहाने BJP नेता ने हेमंत सरकार पर कसा तंज, पूछा-यह सरकार है या सर्कस? UTurn के टूट रहे हैं रिकॉर्ड

नियोजन नीति को लेकर हेमंत सरकार की स्थिती से राज्य के युवा असमंजस में हैं। अब इसको लेकर विपक्ष भी उनपर निशाना साध रहा है। बीजेपी नेता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने हेमंत सरकार के इस रवैया पर ट्वीट किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बीजेपी नेता कुणाल षाड़ंगी ने ट्वीट कर लिखा “यह सरकार है या सर्कस? UTurn के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। मंत्रीमंडल की सामूहिक ज़िम्मेदारी से चलने वाली सरकार में ऐसी अनिर्णय की स्थिति राज्य के इतिहास में पहली बार है।इस शिगूफ़े से मूलवासियों की उम्मीदों का सफ़ाया तय। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी स्थिति स्पष्ट करें।
दरअसल कुणाल षाड़ंगी का तंज झारखंड सरकार के उस संकल्प को लेकर था जिसमें रघुवर सरकार की नियोजन नीति को रद्द करने के मंत्रिमंडल के सामूहिक निर्णय को राज्य के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने संकल्प द्वारा वापस ले लिया है। वहीं नियुक्तियों के लिए 2016 से पूर्व की नियोजन नीति को अस्तित्व में लाने पर सरकार विचार कर रही है।
उधर झारखंड बीजेपी का कहना है कि झारखंड मंत्रिमंडल नियोजन नीति को लेकर पूर्णतया भ्रम और असमंजस में है। पहले रघुवर सरकार की नियोजन नीति को रद्द करना, फिर विरोध के बाद विभागीय संकल्प द्वारा उस निर्णय को वापस लेना। अब 2016 से पूर्व की नियोजन नीति के आधार पर नौकरी देने पर विचार करना सरकार की अपरिपक्वता को दर्शाता है।
बीजेपी ने पूछे तीखे सवाल
बीजेपी ने हेमंत सरकार से पूछा कि कि जब विसंगति बताकर रघुवर सरकार की नियोजन नीति को सरकार ने रद्द कर दिया तो उस निर्णय को पलटने की नौबत क्यों आन पड़ी। जब नियोजन नीति को रद्द करने का निर्णय वापस ली जा चुकी है, तो ऐसे में नियुक्तियों के लिए 2016 से पहले की नीति को आधार क्यों बनाया जा रहा है?
बहरहाल नियोजन नीति पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी कैबिनेट खामोश है। यहां तक की पार्टी के नेता भी इस पर कुछ बोलने से बच रहे हैं। अब देखना है कि नियोजन नीति पर अंतिम फैसला सरकार क्या करती है।