कुड़मी आंदोलन खत्म, पटरी से हटे प्रदर्शनकारी, फिर शुरू हुई ट्रेनें
बीते बुधवार 5 अप्रैल से ही कुड़मी समाज एसटी में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे जिसे लेकर इन्होंने चक्का जाम कर दिया था. इस आंदोलन के कारण 111 घंटों तक 435 ट्रेनों को रद्द किया गया. लेकिन रेल यात्रियों के लिए अब राहत की खबर है. बता दें कि आंदोलन के पांचवे दिन यानी रविवार, 9 अप्रैल को 11 बजे से ही कुड़मी समाज ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है. इन ट्रैकों पर ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरु कर दिया गया है.
धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन सामान्य होगा
दक्षिण-पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि -सुबह 11:45 बजे आद्रा मंडल के कुस्तौर स्टेशन से प्रदर्शनकारियों के हटने का सिलसिला शुरू हुआ. शाम को खड़गपुर मंडल के खेमाशुली और आद्रा मंडल के कोटशिला स्टेशन से भी प्रदर्शनकारी हट गये. अब ट्रेनों को धीरे-धीरे परिचालन सामान्य होगा.
रेलवे और कुड़मी समाज के बीच चली लंबी वार्ता
बताते चलें कि आंदोलन को लेकर रेल प्रबंधन और कुर्मी समाज के बीच से वसूली और आगरा डिवीजन के कुसतौर में लंबी वार्ता चली। इसके बाद कुर्मी आंदोलन के नेतृत्वकर्ता मुख्य सलाहकार अजीत प्रसाद महतो ने आंदोलन को रद्द करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार से बात कर उनकी मांगों को लेकर जल्द रणनीति तैयार की जाएगी।
रेलवे को हुआ करोड़ों का नुकसान
इस आंदोलन को लेकर यात्रियों को तो परेशानियों का सामना करना ही पड़ा लेकिन इसके साथ ही रेलवे को भी करोड़ों का नुकसान सहना पड़ा .रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेनों के रद्द होने के कारण 4,32,000 यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी. 5 अप्रैल से खड़गपुर मंडल और आद्रा मंडल में ट्रेन सेवा प्रभावित होने दक्षिण-पूर्व रेलवे को 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान खड़गपुर मंडल को हुआ है.