भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक के सोमवार को किए गए एक संक्षिप्त सोशल मीडिया पोस्ट ने झारखंड की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी। उन्होंने लिखा- “अब नया बम झारखंड में, हेमंत अब जीवंत होंगे।” यह लाइन कुछ ही घंटों में चर्चा का विषय बन गई। क्या, क्यों और किस ओर संकेत – इन सवालों पर सोशल मीडिया भर गया, लेकिन आलोक ने सार्वजनिक तौर पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
आलोक ने कहा कि बिहार चुनाव के बाद कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस से दूरी बनाना शुरू करेंगे। उनके मुताबिक बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और यूपी के क्षेत्रीय दल अब यह महसूस करने लगे हैं कि कांग्रेस के साथ गठबंधन में रहना उनके वोट बैंक को कमजोर करता है। इसलिए आने वाले समय में “सबसे बड़ा राजनीतिक बदलाव झारखंड में दिखेगा” और झामुमो कांग्रेस से अलग होने की दिशा में बढ़ सकता है।
JMM ने दिया पलटवार
आलोक के बयान पर झामुमो ने भी उसी लहज़े में जवाब दिया। पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा – “हेमंत जीवंत हैं, भाजपा का अंत निश्चित है।” लंबे समय से यह चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही है कि झामुमो महागठबंधन से अलग विकल्प तलाश रहा है। बिहार चुनाव में झामुमो को एक भी सीट न मिलने से यह नाराजगी और स्पष्ट दिखी। चुनाव प्रचार के दौरान मंत्री सुदिव्य कुमार ने भी कहा था कि पार्टी पूरे घटनाक्रम की समीक्षा करेगी।
कांग्रेस ने ‘कब’ और ‘कहां’ से जोड़ा बयान
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा झारखंड में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रही है। प्रदेश महासचिव आलोक कुमार दुबे ने कहा कि हेमंत सोरेन की सक्रियता ही भाजपा को परेशान कर रही है और इसी कारण गठबंधन सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है।
BJP का जवाब – महागठबंधन में दरार गहरी
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने दावा किया कि बिहार चुनाव में झामुमो की अनदेखी इस बात का साफ संकेत है कि महागठबंधन के भीतर सब कुछ सामान्य नहीं है। उनका कहना है कि इसी कटुता का असर अब झारखंड में खुले तौर पर दिखेगा।

