चाईबासा। भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) जमशेदपुर की टीम ने भवन निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अरविंद कुमार सिंह को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई चाईबासा स्थित पुराने उपायुक्त कार्यालय परिसर में की गई, जहां नारकोटिक्स विभाग के भवन निर्माण कार्य से जुड़े लंबित बिल भुगतान के बदले रिश्वत ली जा रही थी।
जानकारी के अनुसार, मामला नारकोटिक्स विभाग के भवन निर्माण कार्य से संबंधित है, जिसकी कुल लागत लगभग 55 लाख रुपये थी। इस परियोजना के तहत अब तक करीब 29 लाख रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका था, जबकि शेष राशि का भुगतान लंबित था। आरोप है कि शेष बिल के भुगतान के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अरविंद कुमार सिंह ने ठेकेदार से 2.5 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी, जो कुल मिलाकर 70 हजार रुपये बनता है।
शिकायत की जांच के बाद बिछाया गया जाल, पूछताछ जारी
रिश्वत की मांग से परेशान होकर ठेकेदार रितेश चिरानिया ने एसीबी जमशेदपुर में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने मामले की प्राथमिक जांच की और आरोपों की सत्यता पाए जाने पर ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई। पूर्व निर्धारित योजना के तहत जैसे ही एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने ठेकेदार से रिश्वत की रकम ली, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी इंजीनियर अरविंद कुमार सिंह को पूछताछ के लिए एसीबी जमशेदपुर कार्यालय ले जाया गया है। एसीबी सूत्रों के अनुसार, इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया जा रहा है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि कहीं इस तरह की अवैध वसूली में अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल तो नहीं हैं।
एसीबी की इस कार्रवाई से भवन निर्माण विभाग और अन्य सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है। एजेंसी का कहना है कि सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि सरकारी भुगतान के नाम पर रिश्वतखोरी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।