घाटशिला उपचुनाव चम्पई सोरेन प्रतिक्रिया

घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने झारखंड की राजनीति में बड़ा मोड़ ला दिया है। झामुमो (JMM) उम्मीदवार सोमेश सोरेन ने बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को 38,524 वोटों के बड़े अंतर से हराया। कुल मतगणना पूरी होने के बाद यह साफ हो गया कि घाटशिला सीट पर झामुमो की पकड़ अब और मजबूत हो गई है। इस करारी हार के बाद चम्पई सोरेन ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने चुनाव हार स्वीकारने के साथ-साथ अपने राजनीतिक संघर्ष को और तेज करने का संदेश दिया।

चम्पई सोरेन बोले- “हमारी लड़ाई समाज के अस्तित्व को बचाने की है”

उपचुनाव के नतीजे आने के बाद चम्पई सोरेन ने सोशल मीडिया पर भावुक संदेश लिखा। उन्होंने कहा कि झारखंड में उनकी लड़ाई केवल चुनाव जीतने की नहीं, बल्कि “घुसपैठियों के कारण बदलती डेमोग्राफी, धर्मांतरण और आदिवासी समाज की भाषा, संस्कृति व परंपरा को बचाने” की है। उन्होंने लिखा- “यह रास्ता कठिन है, कई बाधाएं आएंगी, लेकिन हम झुकेंगे नहीं। इस बार शायद हम जनता को अपनी बातें समझाने में सफल नहीं हो पाए। जब भी इस राज्य में आदिवासियों के अधिकारों पर प्रहार होगा-हम हर बार विरोध करेंगे।”

चम्पई ने आगे कहा कि हार-जीत राजनीति का हिस्सा है, लेकिन असली हार तब होगी जब आदिवासी समाज का अस्तित्व संकट में पड़ जाए। उन्होंने विशेष रूप से पाकुड़ और साहिबगंज का जिक्र करते हुए कहा कि कई इलाकों में आदिवासी अल्पसंख्यक हो चुके हैं और भूमिपुत्रों की जमीनों व महिलाओं की सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि झारखंड में “आदिवासियों और मूलवासियों की जमीन, धर्म और संस्कृति की रक्षा” के लिए संघर्ष जारी रहेगा। अपने संदेश का अंत उन्होंने “जय झारखंड” के नारे के साथ किया।