मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को रांची के MP-MLA कोर्ट में पेश हुए, ईडी के समन का पालन न करने से जुड़े मामले में हाइकोर्ट के फैसले के बाद आज मुख्यमंत्री सशरीर कोर्ट में उपस्थित हुए। इस दौरान उनके साथ राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से अदालत में दो 7-7 हजार के दो बेल बॉन्ड भरे गए, जिसके बाद उन्हें (CM Hemant Soren) जमानत भी मिल गई। अब इस मामले की सुनवाई 12 नवंबर, 2025 को कोर्ट करेगी।

ईडी की तरफ से कोर्ट  में दलील दी गयी की जमीन घोटाला मामले में सीएम हेमंत सोरेन को 10 समन भेजे गए थे, लेकिन वे केवल दो समन पर ही एजेंसी के सामने उपस्थित हुए। ईडी का कहना है कि यह समन की अवहेलना की श्रेणी में आता है। 25 नवंबर को हाई कोर्ट ने स्पेशल MP/MLA कोर्ट में लंबित इस मामले में दी गई अंतरिम राहत को रद्द कर दिया था, जिसके बाद ट्रायल प्रक्रिया आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हुआ।

पूरा मामला क्या है? जानिए केस की पृष्ठभूमि

यह केस ईडी द्वारा 19 फरवरी 2024 को दायर उस शिकायत से जुड़ा है, जिसमें फेडरल एजेंसी ने अपने 8 समन के उल्लंघन का आरोप लगाया था। 4 मार्च 2024 को CJM कृष्ण कांत मिश्रा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के तहत मामले का संज्ञान लिया और इसे सुनवाई के लिए MP/MLA कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया।

इसके बाद मुख्यमंत्री सोरेन ने पर्सनल पेशी से छूट के लिए निचली अदालत में आवेदन दिया, जिसे 5 जुलाई को खारिज कर दिया गया। इस आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए सीएम को अस्थायी तौर पर सशरीर पेशी से छूट दे दी थी। हालांकि बाद में यह अंतरिम राहत रद्द कर दी गई, जिसके बाद सीएम सोरेन को 6 दिसंबर को अदालत में उपस्थित होना पड़ा।