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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने झारखंड में पुरुष नसबंदी अभियान की शुरुआत की, बोले – “लापरवाही बर्दाश्त नहीं, परिणाम चाहिए”

पुरुष नसबंदी अभियान झारखंड

रांची, 13 नवंबर 2025। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गुरुवार को राजधानी रांची के HM सभागार में पुरुष नसबंदी अभियान और सम्मान समारोह का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़, पारदर्शी और जनकेंद्रित बनाने की दिशा में कई सख्त और ठोस निर्देश दिए। मंत्री ने सभी जिला सिविल सर्जनों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब स्वास्थ्य विभाग में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेहनती और ईमानदार अधिकारियों को सम्मान मिलेगा, लेकिन जो अपने दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है।

“संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से काम करें। जो मेहनत करेगा, उसे मैं खुद सम्मानित करूंगा, लेकिन जो लापरवाही करेगा, उसे परिणाम भुगतने होंगे,” डॉ. अंसारी ने साफ शब्दों में कहा।

अभियान में पारदर्शिता और संवेदनशीलता पर जोर

कार्यक्रम में अपर सचिव अजय कुमार सिंह, MD-NHM, तथा राज्य के विभिन्न जिलों से आए सिविल सर्जन, डॉक्टर, जीएनएम, एएनएम और पैरामेडिकल स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित थे। मंत्री ने कहा कि पुरुष नसबंदी जैसे अभियानों को केवल सरकारी औपचारिकता न बनाकर, एक जन-जागरूकता अभियान के रूप में चलाना होगा। उन्होंने निर्देश दिया कि ब्लड बैंक, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य योजनाएं, और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ लागू किए जाएं।

“हमारा लक्ष्य है कि हर नागरिक को समय पर स्वास्थ्य सुविधा मिले। स्वास्थ्य सेवाओं में कोई भी लापरवाही या भ्रष्टाचार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” मंत्री ने कहा।

डॉ. अंसारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा रक्तदान किए जाने की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का यह कदम पूरे राज्य के लिए प्रेरणादायक है। “मुख्यमंत्री जी ने रक्तदान कर मानवता का संदेश दिया है। रक्तदान को हमें एक आंदोलन बनाना चाहिए,” उन्होंने कहा।

“थोड़ा वक्त लगेगा, पर स्वास्थ्य व्यवस्था बदलकर ही दम लूँगा” – मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग की कार्यप्रणाली पर खुलकर बात करते हुए कहा कि राज्य के कई जिलों में अभी भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि “चाईबासा जैसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग अत्यंत संवेदनशील है। यहाँ एक गलती लाख अच्छे कामों को ढक सकती है। इसलिए हर अधिकारी को अपने कार्य में निष्ठा, सावधानी और ईमानदारी बरतनी होगी,” डॉ. अंसारी ने कहा।

उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 8 मेडिकल कॉलेजों को मान्यता मिल चुकी है, जबकि 4 नए मेडिकल कॉलेजों की मान्यता की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। “थोड़ा वक्त जरूर लगेगा, पर मैं वादा करता हूँ – झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह बदलकर ही दम लूँगा। हमारा लक्ष्य है कि झारखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो – स्वास्थ्य, सेवा और संवेदना के क्षेत्र में,” उन्होंने कहा।

समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डॉक्टरों, जीएनएम, एएनएम और पैरामेडिकल कर्मियों को स्वास्थ्य मंत्री ने स्वयं सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने कहा – “स्वस्थ झारखंड ही सशक्त झारखंड की नींव है। सरकार, अधिकारी और जनता – हम सबको मिलकर यह मिशन पूरा करना होगा।”

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