राज्य के सबसे बड़े अस्पताल का हाल, भूख मिटाने के लिए कचरे से दाना चुनकर खाने को मजबूर मरीज।

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) से एक इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर आई है। यहां इलाज करवा रहा एक मरीज कचरे से दाना चुनकर अपनी भूख मिटाने को मजबूर है, लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
सरकार एक तरफ बड़े बड़े दावे कर रही है, लेकिन यह तस्वीर सरकार के उन दावों की पोल खोल रही है। बताया जा रहा कि यह शख्स रिम्स के आर्थो वार्ड में भर्ती है और वह गुमला जिले के खटखोर का रहने वाला है। उसके पैर में रॉड लगा हुआ है। इसलिए वह चल फिर भी नहीं सकता और ना ही यहां उसकी कोई देखभाल करने वाला है।
शुक्रवार के दिन उसे भूख लगी थी, उसे रिम्स की तरफ से खाना नहीं मिला था। ऐसे में उसने अपनी भूख में मिटाने के लिए ओपीडी कांप्लेक्स में कबूतरों के लिए फेंके गए दानों को इकट्टा किया और फिर उसे चुन चुन कर खाने लगा।
रिम्स प्रबंधन की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 9 जनवरी को एक तस्वीर सामने आई थी। तब इलाज करवा रही एक महिला अपनी भूख मिटाने के लिए जिंदा कबूतर खा गई थी, मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नाराजगी जताई थी, लेकिन कुछ महीनों बाद फिर से वैसी ही तस्वीर सामने आई है।
इधर मामला सामने आने के बाद बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा “ये खबरें मन को विचलित करने वाली है और किसी भी सरकार के लिए शर्मनाक भी। राज्य के बड़े स्वास्थ्य संस्थान में कोई भूखा मरीज कबूतर का दाना खाकर अपनी भूख मिटाने को विवश हो तो आगे कुछ कहने के लिए नहीं बचता”
जानकारी के लिए आपको बता दूं कि रिम्स की तरफ से मरीजों को तीन वक्त का खाना दिया जाता है। बहरहाल मामला सामने आने के बाद रिम्स प्रबंधन अपनी लापारवाही छुपाने में जुट गया है।
वहीं तस्वीरें सामने आने के बाद बरियातू थाना प्रभारी खुद रिम्स पहुंचे और उस व्यक्ती को रिम्स के वार्ड में भर्ती कराया ,जिसके बाद डॉक्टर ने उसका उपचार किया और खाना खिलाया।
