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मंत्री इरफान के आदेश के बाद प्रतिबंधित कप सिर्फ के खिलाफ झारखंड के कई शहरों में छापेमारी, कई दवा स्टोर पर मिले, सैंपल जब्त !

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद पूरे देश में दवा को लेकर छापेमारी चल रही है। झारखंड में भी उन तीन कफ सिरप को बैन कर दिया गया है, जिसमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मात्रा अधिक पाई गई थी। उन दवाओं में कोल्ड्रिफ बैच नंबर एसआर-13. रेस्पीफ्रेश टीआर सिरप बैच नंबर आर01 जीएल 2523 और रीलाइफ सिरप बैच नंबर एलएसएन 25160 शामिल हैं।

 

शुक्रवार को ड्रग डिपोर्टमेंट ने इस सिलसिले में रांची, घाटशिला, चाईबासा और बिष्टुपुर समेत राज्य के कई शहरों में छापेमारी की। छापेमारी में ड्रग डिपार्टमेंट को रांची के अपर बाजार के एक मेडिकल स्टोर से इनमें से दो दवाओं का स्टॉक बरामद हुआ। दोनों दवा गुजरात की कंपनी की मैनुफैक्चरिंग हैं। एक दवा का नाम रेस्पीफ्रेश टीआर व दूसरा रीलाइफ सिरप है।

 

हालांकि, दोनों कफ सिरप के बैच नंबर अलग मिले। लेकिन औषधि नियंत्रण निदेशालय की टीम ने दोनों दवा को सीज करते हुए जांच के लिए सैंपल कोलकाता भेज दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, निदेशालय के निर्देश के बाद भी उक्त दुकान में ये दवा बेची जा रही थी। निरीक्षण के क्रम में जब दुकान की जांच की गई तो वहां प्रतिबंधित कंपनी की दवा का भारी स्टॉक मिला।

 

वहीं घाटशिला में ड्रग इंस्पेक्टर सोनी बारा के नेतृत्व में एक थोक विक्रेता के यहां छापेमारी के दौरान बड़ा खुलासा हुआ। ड्रग इंस्पेक्टर सोनी बारा ने बताया कि विक्रेता ने रांची के सीएंडएफ (केयरिंग फारवर्डिंग एजेंट) से 91 बोतल रेस्पिफ्रेस-टीआर सीरप मंगाया था। वह दो खुदरा दुकानों को छह-छह बोतल बेच चुका था। इनमें से तीन बोतलें मरीजों तक पहुंची थीं। ड्रग विभाग ने उन सभी मरीजों को बुलाया और पूछताछ की। टीम ने चाईबासा में भी छापेमारी की, लेकिन वहाँ रेस्पिफ्रेस-टीआर सीरप नहीं मिला, लेकिन टीम ने ओआरएस, पैरासिटामोल और मेटाक्लोमाइट का सैंपल जांच के लिए जब्त किया। गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री ने जांच अभियान तेज करने का निर्देश दिया था

 

अबतक 50 से ज्यादा दवा के सैंपल लिए गए

 

ड्रग विभाग के अधिकारी ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों से अब तक 50 से ज्यादा दवाओं के सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें कफ सिरप के अलावा कुछ दवाएं भी शामिल हैं। पिछले पांच दिनों में विभाग द्वारा विभिन्न जिलों के 40 से ज्यादा दुकानों व स्टॉकिस्ट के यहां निरीक्षण किया जा चुका है। इधर, शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने भी जय हिंद फार्मा में निरीक्षण कर वहां से भी दवा के सैंपल जांच के लिए भेजे थे।

 

इन कफ सिरप की बिक्री पर है रोक

 

1. कोल्ड्रिफ : इसमें पैरासिटामोल, फिनाइलेफेरिन हाइड्रोक्लोराइड, क्लोराफेनिरामाइन मैलिएट का मिश्रण है। इसका बैच नंबर एसआर-13 और निर्माता श्रीसन फार्मास्युटिकल, कांचीपुरम

 

(तमिलनाडु) है। 2. रेस्पीफ्रेश टीआर सिरप इसमें ब्रोमहेक्सिन

 

हाइड्रोक्लोराइड, टरबुटालाइन सल्फेट, गुआइफेनेसिन और मेन्थॉल मॉलिक्यूल का मिश्रण है। इसका बैच नंबर आर० 1 जीएल 2523 बौर निर्माता रेडनेस फार्मास्युटिकल प्रा. लि. अहमदाबार गुजरात है। 3. रीलाइफ सिरप : इसमें एम्ब्रोक्सोल एचसीएल, गुआइफेनेसिन, टरबुटालाइन सल्फेट और मेन्थॉल मॉलिक्यूल का मिश्रण है। इसका वैच नंबर एलएसएज 25160 बौर निर्माता सेप फार्मा प्रा. लि. राजकोट, गुजरात है।

 

स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं, फर्जी दवाओं पर ‘नो टॉलरेंस, मंत्री ने कफ-सिरप पर त्वरित जांच और सख्त कार्रवाई का दिया आदेश

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी कप सिरफ मामले पर कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि झारखंड के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और मानक के अनुरूप दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसी दिशा में आज से पूरे राज्य में एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई है, जिसके तहत सभी मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और दवा डिपो का औचक निरीक्षण किया जाएगा। मंत्री ने सभी ड्रग्स पदाधिकारियों और मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, डुप्लीकेसी या फर्जी दवा बिक्री को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर संबंधित स्टोर को तुरंत सील किया जाएगा, लाइसेंस रद्द किया जाएगा और आवश्यकतानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. अंसारी ने कहा की-स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर नहीं होने दूंगा। बहुत मुश्किल से पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मैं दिन-रात मेहनत कर रहा हूं। मेरा आग्रह है कि सभी अधिकारी, मेडिकल संचालक और जनता इस मुहिम में मेरा साथ दें। जो भी गलत कार्य में शामिल हैं, वे तुरंत सचेत हो जाएं,अन्यथा कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के प्रत्येक जिले में ड्रग्स निरीक्षण टीमें गठित की जा रही हैं, जो बाजार में उपलब्ध सभी कफ सिरप, एंटीबायोटिक और पेन रिलीवर दवाओं का नमूना लेकर जांच करेंगी,उन्होंने बताया कि राज्य ड्रग्स निदेशालय को निर्देश दिए गए हैं कि वे 24 घंटे के भीतर प्राथमिक जांच रिपोर्ट और 72 घंटे के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

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