जामताड़ा जिले के हजारों लोगों के लिए आज वह बड़ी राहत का दिन रहा, जिसका इंतज़ार पिछले कई महीनों से किया जा रहा था। बारिश के दौरान बह जाने के कारण जामताड़ा–कर्माटांड़–कंबाइंड बिल्डिंग पथ पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया था, जिससे स्कूली बच्चों से लेकर मरीजों, व्यापारियों, किसानों, बुज़ुर्गों तक सभी वर्गों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही थी। केंद्र सरकार द्वारा इस अत्यंत आवश्यक कार्य के लिए निधि उपलब्ध न कराए जाने से स्थानीय जनता में नाराज़गी लगातार बढ़ रही थी, लेकिन इसके बावजूद जामताड़ा में विकास की रफ्तार रुकी नहीं। झारखंड सरकार और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की पहल के बाद आज इस क्षतिग्रस्त पुल की जगह डाइवर्जन निर्माण कार्य का विधिवत शिलान्यास किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिन्होंने मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। आज का दिन सिर्फ एक निर्माण कार्य की शुरुआत भर नहीं, बल्कि जामताड़ा के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और जनता के विश्वास का मजबूत प्रतीक बन गया।
केंद्र ने रोके पैसे, पर विकास नहीं रुका – आखिर क्या है पूरा मामला?
जामताड़ा-कर्माटांड़ मार्ग पर स्थित पुराना पुल पिछले वर्ष भारी बारिश में बह गया था। इससे पूरे क्षेत्र का आवागमन बाधित हो गया था। महीनों से लोग परेशान थे क्योंकि केंद्र सरकार ने इस अत्यावश्यक कार्य के लिए एक भी पैसा उपलब्ध नहीं कराया। यह पुल जामताड़ा शहर को कर्माटांड़, कंबाइंड बिल्डिंग क्षेत्र और कई गांवों से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग था। व्यापार, स्कूल, अस्पताल और कृषि कार्य सभी प्रभावित हो रहे थे। कई बार लोगों को 10–15 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर यात्रा करनी पड़ती थी। बरसात के बाद से ही पुल बहने के कारण हालात बिगड़ते गए और स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ती रहीं। केंद्र की ओर से सहायता न मिलने के कारण यह समस्या लंबी खिंच गई। अंततः 6 दिसंबर 2025 को निर्माण की आधिकारिक शुरुआत की गई। यह पूरा मामला जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र के जामताड़ा–कर्माटांड़–कंबाइंड बिल्डिंग पथ का है, जो पूरे इलाके के लिए लाइफलाइन माना जाता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विशेष आग्रह कर यह राशि स्वीकृत करवाई। लगातार फॉलो-अप और संघर्ष के बाद यह मंजूरी मिली। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से परियोजना को मंजूरी दी और तेजी से प्रक्रिया पूरी कराई। डॉ. अंसारी के नेतृत्व में डाइवर्जन निर्माण का शिलान्यास आज किया गया, जिससे जल्द ही लोगों को आवागमन की सुविधा मिलने लगेगी।
डॉ. इरफान अंसारी की पहल – “लड़कर लाया हूं पुल, जामताड़ा का विकास रुकने नहीं दूंगा”

शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान डॉ. अंसारी ने कहा कि जामताड़ा के विकास को कोई ताकत रोक नहीं सकती। उन्होंने स्पष्ट कहा – “केंद्र ने चाहे जितनी बाधाएँ खड़ी की हों, पुल हर हाल में बनना था और मैंने यह वादा जनता से किया था। मजबूत इच्छाशक्ति और संघर्ष से ही यह संभव हुआ है।”
उन्होंने बताया कि पुल के पुनर्निर्माण से –
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आवागमन फिर से सुचारु होगा
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व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी
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मरीजों व छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी
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किसानों को समय पर आवागमन का लाभ मिलेगा
उन्होंने इसे जामताड़ा के समग्र विकास का महत्वपूर्ण कदम बताया।
विपक्ष के आरोप हुए शांत, जनता में बढ़ा विश्वास
पुल का निर्माण रुकने से विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर आरोप लगा रहा था, लेकिन आज के शिलान्यास ने इन सभी आरोपों को निराधार साबित कर दिया। जनसभा में उमड़े लोगों ने मंत्री के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा – “यही होता है असली विकास, जब नेता वादा निभाए।”
लोगों ने कहा कि डॉ. अंसारी की कार्यशैली ईमानदारी और तेज़ गति वाले विकास कार्यों के लिए जानी जाती है।
हर हफ्ते जामताड़ा को एक नई योजनाओं की सौगात मिल रही है – सड़कें, स्वास्थ्य सुविधाएं, पेयजल, शिक्षा – हर क्षेत्र में काम लगातार जारी है।
“जामताड़ा में विकास थमने वाला नहीं” – मंत्री का वादा
समापन में उन्होंने दोहराया कि यह शिलान्यास सिर्फ एक पुल का पुनर्निर्माण नहीं, बल्कि जामताड़ा में विकास की अविरल गंगा की नई शुरुआत है। उन्होंने कहा कि केंद्र की उपेक्षा के बावजूद जामताड़ा आगे बढ़ता रहेगा, क्योंकि यह सरकार और जनता की संयुक्त इच्छा शक्ति का परिणाम है।