झारखंड की राजनीति में इन दिनों नए गठबंधन और बदलते समीकरणों की चर्चाएँ तेज हो गई हैं। इसी बीच झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने राजनीतिक हलचल और बढ़ा दी है। जयराम महतो ने स्पष्ट रूप से कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनानी चाहिए। उनके इस बयान ने राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और गठबंधन की संभावनाओं पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
जयराम महतो ने अपने बयान में कहा कि मौजूदा सरकार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। उनका दावा है कि राज्य के कई मंत्री स्वयं यह स्वीकार करते हैं कि उनके विभागों के साथ “सौतेला व्यवहार” हो रहा है और सरकार का खजाना लगभग खाली है। उनके अनुसार, ‘मैयां सम्मान योजना’ हेमंत सोरेन सरकार की एक प्रतिष्ठा बन गई है और इसे बचाने के चक्कर में भारी वित्तीय दबाव पैदा हो गया है। महतो का कहना है कि जब सरकार के पास विकास कार्यों के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, तो स्थिरता और विकास के लिए जेएमएम और बीजेपी को साथ आना चाहिए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार में मंत्रियों और विधायकों के पास निर्णय लेने की शक्ति कम हो गई है। जयराम महतो के अनुसार, सत्ता पक्ष के कई जनप्रतिनिधि जब सड़क, पुल और अन्य विकास कार्यों की योजना लेकर विभागों के पास जाते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि फंड की भारी कमी है। यह स्थिति दर्शाती है कि सरकार आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है और मौजूदा गठबंधन में तालमेल भी कमजोर हो रहा है।
सोशल मीडिया पर जारी उनके वीडियो में उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर खजाना लगातार खाली रहता है, मंत्री असहाय महसूस करते हैं और विकास कार्य रुक रहे हैं, तो जेएमएम को “वास्तविक विकल्प” तलाशने होंगे – और वह विकल्प उनके अनुसार बीजेपी के साथ गठबंधन हो सकता है।
हालाँकि, जयराम महतो के इस बयान पर बीजेपी और जेएमएम दोनों की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बयान झारखंड की बदलती राजनीति की दिशा की ओर इशारा कर सकता है।