रांची। झारखंड को वैश्विक निवेश के मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नए साल में स्विट्ज़रलैंड के दौरे पर जाएंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री 19 से 25 जनवरी 2026 तक स्विट्ज़रलैंड में रहेंगे और दावोस में आयोजित होने वाली विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) की वार्षिक बैठक में भाग लेंगे। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड पहली बार औपचारिक रूप से अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा, जिसे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर माना जा रहा है।
यह दौरा भारत सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम के तहत हो रहा है, जिसमें झारखंड को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री के साथ राज्य सरकार का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी स्विट्ज़रलैंड जाएगा। इस टीम में मुख्य सचिव, उद्योग सचिव, उद्योग निदेशक, झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जियाडा) के निदेशक सहित लगभग 15 से 16 वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच की बैठक में दुनिया भर के बड़े उद्योगपति, वैश्विक निवेशक, नीति निर्माता और कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेते हैं। इस वर्ष सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई प्रभावशाली वैश्विक नेताओं के शामिल होने की संभावना है। ऐसे में झारखंड के लिए यह मंच अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से सीधे संवाद स्थापित करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
उद्योग विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान झारखंड की समृद्ध खनिज संपदा, मजबूत औद्योगिक ढांचा, निवेश के लिए अनुकूल नीतियां और पर्यटन क्षेत्र की व्यापक संभावनाओं को वैश्विक स्तर पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा। खास तौर पर खनन, मैन्युफैक्चरिंग, ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर और इको-टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को रेखांकित किया जाएगा।
स्विट्ज़रलैंड दौरे के बाद प्रतिनिधिमंडल लंदन जाने की भी योजना बना रहा है। लंदन को वैश्विक निवेश, शिक्षा और पर्यटन का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां भारतीय प्रवासी निवेशकों, उद्योग समूहों और विशेषज्ञों के साथ झारखंड में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा होगी। राज्य सरकार का मानना है कि इस अंतरराष्ट्रीय पहल से झारखंड की ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी, राज्य में नए निवेश आएंगे और रोजगार के साथ-साथ विकास के नए अवसर सृजित होंगे।