jharkhand cold wave 2025

झारखंड में इस बार ठंड ने नवंबर की शुरुआत में ही दस्तक दे दी है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर-पश्चिमी हिमालय श्रृंखला में बर्फबारी हो रही है, जिससे आने वाली बर्फीली हवाएं झारखंड तक पहुंच रही हैं। इन ठंडी हवाओं ने राज्य के तापमान में तेजी से गिरावट ला दी है। लातेहार में सोमवार को न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा। मौसम विभाग (IMD) ने अनुमान जताया है कि आने वाले दो दिनों में झारखंड के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की और गिरावट हो सकती है। वहीं, रांची, गढ़वा, चतरा और लोहरदगा जैसे जिलों में सुबह और रात के समय घना कोहरा छाने की संभावना है।

ला-नीना प्रभाव से फरवरी तक रह सकती है कड़ाके की ठंड

प्रशांत महासागर के पेरू तट पर सक्रिय “ला-नीना” प्रभाव का असर इस बार झारखंड के मौसम पर भी दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल नवंबर से फरवरी तक ठंड अपने चरम पर रह सकती है। मौसम विभाग ने 10 से 12 नवंबर तक पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा जिलों में शीतलहर की चेतावनी जारी की है। आमतौर पर झारखंड में ठंड दिसंबर या जनवरी में शुरू होती है, लेकिन इस बार हिमालय से आने वाली बर्फीली हवाओं और ला-नीना प्रभाव ने नवंबर में ही ठिठुरन बढ़ा दी है।

जलवायु परिवर्तन से मौसम का बदला स्वरूप

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. डी.एस. श्रीवास्तव के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से अब मौसम के पैटर्न में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।
ला-नीना प्रभाव के चलते न केवल ठंड बढ़ी है बल्कि अत्यधिक बारिश, तूफान और फसल चक्र में असंतुलन जैसी परिस्थितियां भी सामने आ रही हैं। रांची समेत झारखंड के कई जिलों में दिन का तापमान सामान्य से 1-2 डिग्री तक कम बना हुआ है। मौसम विभाग ने नागरिकों को सुबह और रात के समय गर्म कपड़े पहनने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।