रांची | झारखंड में डिजिटल जनगणना 2027 की तैयारियां अब तेज़ हो गई हैं। राज्य में जनगणना का प्रारंभिक कार्य शुरू कर दिया गया है और जनगणना एप का टेस्टिंग चरण जारी है। नौ नवंबर से डेटा एंट्री का कार्य शुरू होगा।
पहले चरण में डिजिटल परिसीमन (Digital Delimitation) किया जाएगा, जिसके तहत राज्य के हर गांव और शहर की जियो फेंसिंग होगी। इसके बाद प्रत्येक घर की हाउस टैगिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक नवंबर से तीन दिन की प्री-टेस्ट ट्रेनिंग भी संपन्न हो चुकी है।
यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें मोबाइल एप, ऑनलाइन पोर्टल और टैबलेट जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। कागजी प्रक्रिया लगभग समाप्त कर दी जाएगी ताकि डेटा अधिक सटीक और पारदर्शी हो सके।
राज्य सरकार पहले ही 5 सितंबर को जनगणना कराने की अधिसूचना जारी कर चुकी है। इसके तहत 14 नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक मास्टर और फील्ड ट्रेनर्स का प्रशिक्षण होगा। जनवरी में जनगणना से जुड़े सवालों का गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। फरवरी 2026 में अतिरिक्त कर्मियों की नियुक्ति होगी।
इसके बाद अप्रैल से सितंबर 2026 तक घरों के चयन का क्षेत्रीय कार्य और दिसंबर 2026 तक जनगणना पदाधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया जाएगा। अंततः 1 मार्च 2027 से फील्ड सर्वेक्षण (सीधी जनगणना) शुरू की जाएगी।
ऐसे चलेगा काम:
जनगणना 2027 के तहत घरों के चयन और गणना का कार्य अप्रैल 2026 से शुरू होगा। इसके बाद अक्टूबर 2026 से बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण संचालित किया जाएगा। इस चरण में प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, उपलब्ध सुविधाएं, परिवार के सदस्यों की जानकारी आदि का विस्तृत डेटा एकत्र किया जाएगा।
इस बार की जनगणना में पहली बार स्वयं-गणना (Self Enumeration) की सुविधा दी जा रही है। नागरिक एक सुरक्षित ऑनलाइन पोर्टल या मोबाइल एप के माध्यम से स्वयं अपनी जानकारी दर्ज कर सकेंगे। डेटा भरने के बाद उन्हें एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी, जिसे मैदानी गणना (On-site survey) के समय दिखाना आवश्यक होगा।
इसके अलावा, इस बार जनगणना में जातिगत विवरण का व्यापक संग्रह किया जाएगा। अब तक केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का ही डेटा दर्ज किया जाता था, लेकिन 2027 की जनगणना में ओबीसी सहित अन्य जातियों की भी पूरी जानकारी एकत्र की जाएगी। यह पहली बार होगा जब सभी जातियों का समग्र डाटा डिजिटल माध्यम से तैयार किया जाएगा।

