झारखंड ग्रीन राशन कार्ड

झारखंड सरकार ने राज्य में तीन लाख नए ग्रीन राशन कार्ड बनाने की स्वीकृति दे दी है, जिससे हजारों गरीब और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलेगा। लंबे समय से राशन कार्ड का इंतजार कर रहे लोगों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है। जिले में ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया फिर शुरू कर दी गई है और इसे पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर बनाया जाएगा। जो जिला जितनी तेजी से काम करेगा, वहां उतने ही अधिक कार्ड जारी किए जाएंगे। वर्तमान में जिले में 35,865 ग्रीन राशन कार्ड हैं, जिनमें 1,28,426 सदस्य शामिल हैं।

पुराने आवेदन हुए स्वीकृत, पेंडिंग मामलों में तेजी

ग्रीन राशन कार्ड के लिए बड़ी संख्या में लोग आवेदन कर रहे थे, लेकिन वैकेंसी न होने के कारण स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी। हाल ही में जिले में करीब 43 हजार अयोग्य लाभुकों के नाम हटाए गए, जिसके बाद पेंडिंग आवेदनों को स्वीकृत कर दिया गया है। अब जिले में केवल 3 हजार के आसपास आवेदन ही लंबित हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत बनाए जाने वाले राशन कार्डों में नाम जोड़ने के भी कई आवेदन पेंडिंग थे, लेकिन वैकेंसी उपलब्ध होते ही बड़ी संख्या में नए नाम जोड़े गए। हालांकि अब कोटा भर चुका है, इसलिए फिलहाल NFSA कार्ड के नए आवेदन पर रोक है।

बीमारी की स्थिति में कार्ड बनाना होगा आसान

आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड अनिवार्य है, लेकिन गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को इसके लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। पहले मेडिकल दस्तावेज अपलोड कर राज्य स्तर से स्वीकृति लेनी होती थी, जिससे समय काफी लग जाता था। अब इस व्यवस्था में सुधार की तैयारी है। सरकार जिला आपूर्ति पदाधिकारियों को मेडिकल ग्राउंड पर सीधे राशन कार्ड स्वीकृत करने का अधिकार देने पर विचार कर रही है। जल्द ही इस संबंध में सॉफ्टवेयर में बदलाव किए जाने की संभावना है।

अनाज वितरण प्रणाली में बदलाव, लाभुकों के लिए नई शर्तें

केंद्र सरकार की योजनाओं में हाल ही में बड़े बदलाव किए गए हैं। स्मार्ट पीडीएस के माध्यम से अनाज वितरण की रियल टाइम मॉनिटरिंग शुरू हो चुकी है। साथ ही केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि अनाज वितरण का एक्सटेंशन अब नहीं मिलेगा। जिस माह का अनाज है, उसी माह में वितरण करना अनिवार्य होगा। यदि राज्य सरकार एक्सटेंशन देती है, तो उससे जुड़ा पूरा खर्च राज्य को उठाना होगा।

इसके साथ ही जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानदारों पर भी नई व्यवस्था लागू की गई है। यदि किसी डीलर को निलंबित किया जाता है, तो उसकी मशीन सीधे उस डीलर को सौंप दी जाएगी, जिससे संबंधित लाभुक टैग हैं। नए दुकानदार को उसी मशीन से लॉगिन कर लाभुकों को अनाज देना होगा। इससे स्टॉक और कमीशन के हिसाब में पारदर्शिता बढ़ेगी।

डीएसओ साहिबगंज जेके मिश्रा के अनुसार, तीन लाख नए कार्ड की स्वीकृति के बाद पुराने सभी आवेदन पूरे किए जा सकेंगे तथा नए पात्र लाभुक भी आवेदन कर सकेंगे। अयोग्य लाभुकों के नाम हटाए जाने से अब बड़ी संख्या में जरूरतमंद परिवारों को इसका लाभ मिल सकेगा।