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झारखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियाँ तेज़, आयोग ने जिलों को भेजे विस्तृत निर्देश

झारखंड नगर निकाय चुनाव 2025

नगर निकाय चुनाव की तैयारियों की समीक्षा तेज़

झारखंड में नगर निकाय चुनाव की संभावना तेज़ होने के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग सक्रिय मोड में आ गया है। आयोग लगातार जिलों के साथ संवाद कर चुनाव-पूर्व तैयारियों का मूल्यांकन कर रहा है। आयोग ने सभी जिलों को मतदाता सूची अद्यतन, मतदान केंद्रों की संरचना, बूथ स्तर तैयारी, कर्मियों की प्रतिनियुक्ति और सुरक्षा प्रबंधन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत बूथों की उपलब्ध सुविधाओं, संवेदनशीलता, सुरक्षा घेराबंदी और मतदान कर्मियों की उपलब्धता की विस्तृत रिपोर्ट तलब की जा रही है।

नामांकन प्रक्रिया, योग्यता और आरक्षण पर भेजी गई जानकारी

चुनाव की संभावनाओं को देखते हुए आयोग ने प्रत्याशियों की योग्यता-अयोग्यता, नामांकन प्रक्रिया, आवश्यक प्रमाणपत्र, खर्च सीमा, और चुनाव आचार संहिता से जुड़ी समग्र जानकारी जिलों को भेज दी है। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के विभिन्न पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता, आरक्षण श्रेणियों एवं मानदंडों का विस्तृत विवरण भी साझा किया गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा राज्य सरकार द्वारा अंतिम आरक्षण अधिसूचना जारी होने के बाद ही संभव है। वर्तमान में सरकार नए आरक्षण प्रारूप पर कार्य कर रही है, जिसमें महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग को समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा रहा है।

कर्मियों का डेटाबेस अपडेट, EVM परीक्षण और सुरक्षा पर जोर

आयोग ने सभी उपायुक्तों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान कर्मियों का डेटाबेस अपडेट करने का निर्देश दिया है। साथ ही EVM और VVPAT मशीनों का परीक्षण, संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील बूथों की पहचान, और मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों को तेज़ करने पर विशेष जोर दिया गया है। चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस-प्रशासन के साथ समन्वय बढ़ाने की सलाह भी दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, जैसे ही आयोग को सरकार का आरक्षण प्रस्ताव प्राप्त होगा, चुनाव अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अनुमान है कि नगर निकाय चुनाव आने वाले महीनों में संपन्न हो जाएंगे। राज्य में सभी नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और फिलहाल प्रशासक प्रणाली लागू है। चुनाव होने के बाद स्थानीय प्रशासन एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से सक्रिय हो सकेगा।

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