झारखंड में 2016 से पहले वाली नियोजन नीति पर होगी नियुक्तियां !
झारखंड की वर्तमान सरकार ने नियोजन नीति पर करीब 10 लाख युवाओं की राय ली है। जानकारी के अनुसार, बड़ी संख्या में युवा जल्द नियुक्ति शुरू करने के पक्ष में है। ऐसे में राज्य सरकार 2016 से पहले की नियोजन नीति के आधार पर नियुक्ति शुरू कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों से मांगी थी राय
बता दें कि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के अभ्यर्थियों से नियोजन नीति को लेकर राय मांगी थी. सीएम सोरेन की आवाज में ऑडियो के माध्यम से युवाओं से यह पूछा गया है कि सरकार या तो हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे या जबतक 1932 की खतियान आधारित नियोजन नीति और पिछड़े वर्गों को 27 फीसदी आरक्षण नीति के विषय को नौंवी अनुसूची में संरक्षण नहीं मिल जाता, तबतक के लिए 2016 से पहले की राज्य की नियोजन नीति को बहाल करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर सरकार आगे बढ़ें। दूसरा सवाल पूछा गया कि क्या पूर्व की नियोजन नीति के आधार पर भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। युवाओं से हां या नहीं में उत्तर लिया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बड़ी संख्या में युवाओं ने जल्द नियुक्तियां शुरू करने के पक्ष में उत्तर दिया है.
मालूम हो कि 2016 की नीति को अपनाने पर 60 फीसदी पद एसटी, एससी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित होंगे, जबकि 40 प्रतिशत पद ओपन रखे जा सकते हैं। हालांकि सरकार के स्तर से नियोजन नीति को अंतिम रूप देने के बाद ही नियोजन नीति की तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट होगी।