नदी, तालाब में छठ करने की मिली है छूट, लेकिन अब भी कई चीजों पर है पाबंदी, उल्लंघन करने पर 2 साल तक की जेल

झारखंड की हेमंत सरकार ने भारी विरोध को देखते हुए अब तलाब और नदियों में छठ मनाने की इजाज़त दे दी है, लेकिन सरकार ने अब भी कई चीजों पर पांबदी लगा रखा है। इस संबंध में बुधवार रात में आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी किया है।
इस अधिसूचना के मुताबिक कोरोना कंटेनमेंट जोन के बाहर जलाशयों पर सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दो लोगों के बीच 6 फीट की दूरी रखना जरूरी होगा। इसके साथ जलाशयों पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थल और जलाशयों पर थूकने पर पूर्ण पाबंदी होगी। इसके अलावा छठ घाटों के नजदीक किसी प्रकार के स्टॉल नहीं लगेगा। पटाखे व आतिशबाजी पर भी रोक रहेगी। म्यूजिकल या कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे।
गाइडलाइन
का उल्लंघन करने पर 2 साल तक
की जेल
गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन को सौंपी गई है। आदेश में
कहा गया है कि गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188 और आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51 व 60 के तहत कार्रवाई होगी। धारा 188 के तहत 6 माह से 2 साल तक की जेल का प्रावधान है।


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को मीडिया से बात करते कहा कि -झारखंड, बिहार और यूपी में छठ महापर्व की महानता से मैं वाकिफ हूं। लेकिन मौजूदा वक्त में आम जीवन के लिए अभी विपरीत वक्त है। इसलिए जहां तक संभव हो लोग घरों में ही छठ पर्व मनाएं।
BJP पर साधा निशाना
BJP पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि पिछली गाइडलाइन जो जारी की गई थी, वो केंद्र के दिशा निर्देशों के मुताबिक थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। दो गज की दूरी, जरूरी। यही दो लाइन उस आदेश में मुख्य रूप से है। लेकिन भाजपा के लोगों ने आस्था के इस पर्व को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया। जनता की सुरक्षा मेरी प्राथमिकता है। याद रखने की जरूरत है कि संक्रमण गया नहीं है, इसलिए खुद को बचाने की जरूरत है।