झारखंड के इन गांवों में कोई नहीं करना चाहता है शादी, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान
झारखंड धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ रहा है. जहां एक ओर झारखंड की शहरें सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होती जा रही हैं और वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के कुछ गांवों की हालत जर्जर होती जा रही है. आधुनिक सुविधा तो बहुत दूर की बात है इन गांवों में लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. विकास इन गांवों से कोसो दूर है. नौबत तो ये है कि इन गांवों में कोई भी पिता अपनी बेटी नहीं देना चाहता है. दरअसल पं. सिंहभूम के कुछ गांवों में सड़के हैं ही नहीं. ग्रामीण मिट्टी की पगडंडियों में अपना रास्ता बनाकर चलते हैं , बरसात में तो ये गांव महज टापू बन जाते हैं.
ये हैं वो गांव
प्रभात खबर की रिपोर्ट के मुताबिक बहरागोड़ा प्रखंड अंतर्गत मालकुंडा, प्रतापपुर, फूलकुड़िया, गांव सुविधाओं के लिए तरस रहा है. यह सब गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. प्रतापपुर गांव में दो सौ लोग निवास करते हैं. गांव में दलित पिछड़ी जाति वर्ग के लोग रहते हैं. गांव में एक उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, सरकारी कूप, बिजली के अलावे कुछ भी सुविधा नहीं है.
गांव में किसी की शादी नहीं हो पा रही है.
ग्रामीणों के अनुसार इन गांवों में सड़के नहीं होने के कारण कोई रिश्ता लेकर नहीं आता है. बरसात में गांवों की स्थिति और भी भयावह हो जाती है. रास्तों में केवल कीचड़ ही रह जाता है. ऐसे हालात में गांव से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है. बता दें कि इन गांवों में अगर किसी की तबीयत अचानक खराब हो जाती है तब भी यहां एंबुलेंस नहीं आ पाता है. इन सब डर से ही लोग यहां शादी करने से घबराते हैं.
गांव वालों का कहना है कि चुनाव के समय नेता जैसे-तैसे उस गांव में पहुंचते हैं और बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर चले आते हैं. गांव को सभी जनप्रतिनिधि अब तक उपेक्षित करते आ रहे हैं. नहीं तो अब तक यहां सड़कें बन गई होती