देवघर में सुधीर की मौत, पत्नी बोली- दो दिन नहीं जल्दा था चूल्हा, बाबूलाल ने जांच कराने की मांग की

झारखंड में कथित तौर पर भूख से मौत का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। देवघर जिला के मोहनपुर प्रखंड के खड़ियाडीह गांव में सुधीर सोरेन की मौत बुधवार हो गई। उसके घर में दो दिन से चूल्हा नहीं जला था।
सुधीर की पत्नी मे बताया कि सोमवार और मंगलवार को घर में राशन ना होने से चूल्हा नहीं जला था। बुधवार को पति पेट में दर्द होने लगा। पैसे के अभाव में उनका इलाज कराने नहीं गए। इसी बीच उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि सरकारी मदद के तौर पर इस माह 20 किलो राशन मिला था।
उधर मौत की खबर सुनकर मोहनपुर बीडीओ मृतक घर पहुंचे और परिवार को 50 किलो चावल, दाल, तेल और एक हजार रूपया नगद दिया।
मोहनपुर बीडीओने कहा कि सुधीर की मौत बीमारी से हुई है। उसके पास राशन कार्ड था। इस माह उसे राशन भी मिला है। सरकारी मदद के रूप में उसकी पत्नी को पेंशन और प्रधानमंत्री आवास दिया जाएगा।
इधर बीजेपी ने इस मुद्दे पर हेमंत सरकार को घेर लिया। पूर्व मूख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा “झारखंड में भूख से मौत की बातें लगातार मीडिया में आ रही हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ इस सरकार के पाँच महीने के कार्यकाल में कम से कम 9 लोग इस कारण मर गए। मुख्यमंत्री @HemantsorenJMM से अनुरोध है कि इन मामलों की निष्पक्ष जाँच कराएँ ताकि किसी और की मौत भूख से नहीं हो”।
गोड्डा से बीजेपी सासंद निशिकांत दूबे ने इस मामले पर कहा कि “देवघर में इस तरह की घटना प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोलती है। मैं निजी तौर पर परिजनों को उचित मदद की व्यवस्था करूंगा।“
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान ही कम से कम तीन मामले भूख से मौत के सामने आ चुके है, हालांकि तीनों ही मामले को झारखंड सरकार ने नकारा है।