क्यों एचईसी में निदेशक के पद पर भेल के अधिकारियों को दिया जा रहा अतिरिक्त प्रभार, वजह जानें…
एचईसी (हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन लि.) में निदेशकों के रिक्त पदों के लिए स्थाई नियुक्ति नहीं की जा रही है. अब इन पदों पर भेल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) के अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देकर भरा जा रहा है। एचईसी के इस व्यवहार से एचईसी के कर्मी काफी परेशान हैं. कर्मियों की शिकायत है कि मंत्रालय व्दारा उन्हें कंपनी के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है.
एचईसी के वर्त्तमान निदेशक डॉ राणा चक्रवर्ती 17 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. निदेशक विपणन की नियुक्ति को लेकर भी भारी उद्योग मंत्रालय ने अभी तक कोई विज्ञापन जारी नहीं किया है।
वर्तमान में एचईसी में भेल के अधिकारी-
वर्तमान में एचईसी के निदेशक वित्त के पद पर भेल के राजेश व्दिवेदी, निदेशक उत्पादक के पद पर भेल से सकीला मनोचा ,निदेशक कार्मिक के पद पर एके बेहरा को प्रभार दिया गया है. फिलहाल भेल के सीएमडी नलिन सिंगल एचइसी के सीएमडी पद पर अतिरिक्त प्रभार में है।
15 लाख की हो रही है बचत
एचईसी में भेल के अधिकारियों को निदेशक के पद पर अतिरिक्त प्रभार देने की बात पर अधिकारी कहना है कि- फिलहाल इससे एचईसी की देनदारी कम होगी. एचइसी में सीएमडी व तीन निदेशकों की नियुक्ति करने पर प्रत्येक माह 12 से 15 लाख रुपए का बोझ बढ़ेगा. अभी निदेशक के वेतन भुगतान भेल कर रहा है.
मजदूर यूनियन परेशान
हटिया मजदूर यूनियन के अध्यक्ष भवन सिंह ने कहा कि- एचइसी के भविष्य को लेकर कर्मी परेशान हैं. एचईसी बंद होगा, विनिवेश होगा ,मर्जर होगा या भेल का यूनिट बनेगा इसको लेकर मंत्रालय को स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए. जिस तरह से मंत्रालय के अधिकारियों को एचईसी के निदेशक पद पर अतिरिक्त प्रभार दे रहा है उससे प्रतीत हो रहा है कि एचईसी को भेल का ही एक यूनिट बना दिया जाएगा।