घाटशिला, 6 नवंबर। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य की मंईयां सम्मान योजना पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि यह योजना अपने मूल उद्देश्य से भटक चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो सरकार के शासनकाल में इस योजना का लाभ आदिवासी महिलाओं की जगह बांग्लादेशी नागरिकों को दिया जा रहा है।

दास ने कहा कि यह न केवल आदिवासी समाज के अधिकारों के साथ धोखा है, बल्कि सरकार की नीतिगत विफलता का भी उदाहरण है। उन्होंने कहा कि “राज्य की महिलाएं सम्मान राशि से वंचित हैं, बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही और गरीब बच्चों को छात्रवृत्ति से भी वंचित रखा जा रहा है।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने बुधवार को घाटशिला और जादूगोड़ा में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के समर्थन में रोड शो और पदयात्रा की। घाटशिला में रोड शो राजस्टेट मैदान से शुरू होकर दाहीगोड़ा में समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि जनता अब झामुमो सरकार की नीतियों से ऊब चुकी है और घाटशिला उपचुनाव से बदलाव की शुरुआत होगी।

इसके बाद दास जादूगोड़ा मोड़ चौक पहुँचे, जहाँ कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और माटीगोड़ा तक पैदल चलकर लोगों से भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की।

दास ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कल्याण योजनाओं को वोट बैंक की राजनीति में बदल चुकी है। “मंईयां सम्मान योजना जैसी पहलें अगर पात्रों तक नहीं पहुँचेंगी, तो यह समाज के सबसे कमजोर वर्गों के साथ अन्याय है,” उन्होंने कहा।

इस दौरान सांसद विद्युत वरण महतो, भाजपा नेता ओंकार दुबे, पूर्व प्रमुख रूपाली सवैया सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।