लोकसभा की इन सीटों को लेकर महागठबंधन में शुरू हुई रस्साकशी !
लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट को लेकर उथल-पुथल शुरू हो गई है। वर्तमान में चाईबासा और गोड्डा जिलों में इस मुद्दे पर जोरदार बहस जारी है। इसके अलावा हजारीबाग, चतरा समेत कई अन्य लोकसभा सीटों पर भी टकराव देखने को मिल रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस, राजद, झाविमो और झामुमो के बीच सीटों का वितरण किया गया था।
उस समय, चाईबासा सीट कांग्रेस को आई थी और उस पर कांग्रेस की गीता कोड़ा ने जीत हासिल की थी। जबकि गोड्डा सीट झाविमो के पास गई थी। प्रदीप यादव ने झाविमो से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं अब जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने गोड्डा लोकसभा सीट को अल्पसंख्यकों की सीट घोषित करके अपने पिता फुरकान अंसारी को देने की वकालत की है।
वहीं हजारीबाग लोकसभा सीट पर पिछली बार कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी को दिया था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार गठबंधन के दूसरे साथी भी दावेदारी कर रहे हैं। चतरा सीट पर पिछली बार राजद और कांग्रेस दोनों ने अपने उम्मीदवार दिए थे, इन बार भी दोनों ही दल दावेदारी कर रहे हैं।
चाईबासा पर झामुमो का दावा !
पिछले लोकसभा चुनाव कांग्रेस सिर्फ चाईबासा सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार गठबंधन के साथी झामुमो इस सीट दावेदारी कर रही है, जिसको लेकर झामुमो और कांग्रेस के नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया है। झामुमो की जिला समिति और कुछ विधायक चाईबासा लोकसभा सीट पर झामुमो उम्मीदवार देने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है की कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा झामुमो नेताओं से संपर्क नहीं रखती,इसलिए 2024 के चुनाव में झामुमो इस सीट पर लड़े।
वहीं चाईबासा सीट पर झामुमो के दावों के बारे में गीता कोड़ा ने कहा है कि यह सीट कांग्रेस को गठबंधन के तहत मिली है और इस मुद्दे पर निर्णय दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व को लेना होगा। उन्होंने झामुमो के स्थानीय नेताओं के लगातार कार्य करने का जिक्र किया और उनकी योजनाओं की सराहना की है। चुनाव जीतने के लिए उन्होंने साफ किया है कि दोनों दलों को एकमत होकर निर्णय लेना होगा।