योगेंद्र साव पर हेमंत सरकार मेहरबान: 7 केस वापस लेने की तैयारी, लेकिन लोक अभियोजक की राय बनी रोड़ा

झारखंड की हेमंत सरकार पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता योगेंद्र साव पर दर्ज केस हटाने की तैयारी कर रही है। सरकार ने केस वापसी के लिए रांची जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी, इसके साथ ही सरकार ने रांची के लोक अभियोजक (पीपी) की राय भी इस मामले पर मांगी गई थी। जिला प्रशासन ने सरकार को रिपोर्ट भेज दी है।
दैनिक भाष्कर में छपी खबर के मुताबिक लोक अभियोजक ने जो राय दी है, उसने केस वापसी की राह को मुश्किल बना दिया है। लोक अभियोजक ने कहा है कि पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर हमले हुए थे। शिकायतकर्ता भी सरकारी अफसर हैं। योगेंद्र साव पर जानलेवा हमला करने का भी आरोप है। अधिकतर केस में गवाही पूरी हो चुकी है। कई तकनीकी पहलू भी है। ऐसे में केस वापस कैसे लिया जा सकता है।
चिरूडीह गोलीकांड में 4 लोगों की हुई थी मोत
दरअसल हेमंत सरकार पूर्व मंत्री योगेंद्र साव पर दर्ज चिरूडीह गोलीकांड सहित सात केस वापस लेने पर विचार कर रही है योगेंद्र साव पर बड़कागांव थाने में कांड संख्या 122/16, 135/16,136/16,167/15,225/16,226/16 और 228/16 दर्ज हैं। योगेंद्र साव फिलहाल इसी मामले में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है।
क्या है चिरूडीह गोलीकांड ?
सितबंर 2016 में कांग्रेस विधायक निर्मला देवी के नेतृत्व में एनटीपीसी और त्रिवेणी सैनिक कंपनी के खिलाफ ‘कफन सत्याग्रह’ शुरू किया गया था। ‘कफन सत्याग्रह’ के 17वें दिन पुलिस ने कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया था। इसी गिरफ्तारी के पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच भिड़ंत हो गई थी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस घटना के बाद निर्मला देवी और उनके पति योगेंद्र साव सहित कई लोगों के खिलाफ विभन्न धराओं में केस दर्ज किया था।
कौन है योगेंद्र साव
योगेंद्र साव हेमंत सोरेन सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। वे झारखंड कांग्रेस के पुराने नेता है। उनकी पत्नी निर्मला देवी 2014 से 2019 तक कांग्रेस की विधायक रह चुकी हैं। फिलहाल उनकी सीट बड़कागांव से उनकी बेटी अंबा प्रसाद कांग्रेस की विधायक हैं।