रांची 6 नवंबर| रांची यूनिवर्सिटी (आरयू) की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। विश्वविद्यालय के अधीनस्थ कॉलेजों के परीक्षा रिकॉर्ड (टेबलेटिंग रजिस्टर या टीआर शीट) संरक्षित नहीं होने से छात्रों को ट्रांसक्रिप्ट पाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला राज्य के प्रीमियर संस्थान रांची कॉलेज (अब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी) से जुड़ा है।
सिमडेगा के उभरते फिल्मकार पुरुषोत्तम कुमार, जिन्हें प्रतिष्ठित लंदन फिल्म स्कूल में फिल्म मेकिंग कोर्स के लिए चयनित किया गया है, पिछले 25 दिनों से ट्रांसक्रिप्ट के लिए रांची यूनिवर्सिटी और डीएसपीएमयू के चक्कर काट रहे हैं। ₹1500 शुल्क जमा करने के बावजूद अब तक उन्हें दस्तावेज नहीं मिला है।
पुरुषोत्तम ने 2013–16 सत्र में रांची कॉलेज से बी.एससी (रसायनशास्त्र) की पढ़ाई पूरी की थी। विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने बताया कि उस सत्र का टेबलेटिंग रजिस्टर रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण ट्रांसक्रिप्ट तैयार नहीं किया जा सका।
इस लापरवाही का असर अब केवल पुरुषोत्तम तक सीमित नहीं रहेगा – उस बैच के हजारों पासआउट छात्र भविष्य में सत्यापन या विदेश में उच्च शिक्षा के लिए इसी संकट का सामना कर सकते हैं।
पुरुषोत्तम बताते हैं कि लंदन फिल्म स्कूल ने पहले ही 310 पाउंड (करीब ₹30,000) वेरिफिकेशन शुल्क लिया है, पर ट्रांसक्रिप्ट न मिलने से एडमिशन प्रक्रिया अटकी हुई है।
यह मामला रांची यूनिवर्सिटी के ऑटोनॉमस कॉलेजों की सबसे बड़ी खामी को उजागर करता है – जहां परीक्षा रिकॉर्ड विश्वविद्यालय स्तर पर संरक्षित नहीं रखे जाते, और प्रशासनिक उदासीनता से छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाता है।