झारखंड के इस गांव की मिट्टी से बनेगी इंटरनेशनल पिच, जानें क्या है खास
झारखंड की मिट्टी हमेशा से खास है, यहां की मिट्टी में खनिज संपदा प्रचूर मात्रा में पाई जाती है. लेकिन अब इस मिट्टी का उपयोग खेल जगत में किया जाएगा. दरअसल, झारखंड की मिट्टी से अब अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के पिचों के निर्माण किया जाएगा. जांच में इस मिट्टी को अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप क्रिकेट पिच निर्माण के लिए उपयुक्त पाया गया है.
इस गांव की मिट्टी का होगा उपयोग
बोरियो अंचल के तेलो व जेटके कुम्हारजोड़ी गांव की मिट्टी को इस काम के लिए उपयुक्त पाया गया है. इस गांव में पाए जाने वाली खास मिट्टी का इस्तेमाल रांची समेत देश के बड़े स्टेडियम और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में फास्ट क्रिकेट पिच के निर्माण में होगा.
राजमहल पहाड़ी जुरासिक एज से भी पुरानी है :डॉ एसबी सिंह
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के डॉ एसबी सिंह और जेएससीए सदस्य रमेश सिंह ने रविवार को इस गांव का दौरा कर मिट्टी के नमूने संग्रह किए. क्यूरेटर डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि- राजमहल पहाड़ी जुरासिक एज से भी पुरानी है. यह पहाड़ी बेंटोनाइट्स रॉक के स्पेशल प्रोसेस से बना है. इस तरह की मिट्टी से विदेशों में क्रिकेट पिच का निर्माण होता है. डॉ एसबी सिंह ने बताया कि, अगर जांच में सब कुछ ठीक रहा तो ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड आदि की तर्ज पर राज्य में जल्द ही फास्टपिच का निर्माण होगा।
गेंदबाजों को स्पीड नियंत्रण करने में मदद मिलेगी
एक्सपर्ट्स की मानें तो लगातार ऐसी पिच में प्रैक्टिस न होने के कारण भारतीय क्रिकेटरों को दूसरे देशों में तेज और उछाल वाली पिच में कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इस मिट्टी से बनी पिच तेज गेंदबाज के लिए कारगार साबित होगी. उसमें ना केवल गेंदबाजों को स्पीड में नियंत्रण हासिल करने में मदद मिलेगी बल्कि बल्लेबाजों का भी अभ्यास हो सकेगा।