नियोजन नीति कैसी होनी चाहिए, जानने के लिए युवाओं से राय ले रहे हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
झारखंड हाईकोर्ट से नियोजन नीति रद्द होने के बाद ,झारखंड में नियोजन नीति का मुद्दा अभी सबसे ज्वलंत मुद्दा है. झारखंड के युवा, खासतौर पर राज्य के छात्र इस मुद्दे पर लगातार सरकार से सवाल कर रहे हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री ने शीतकालीन सत्र में कहा था कि-जैसा युवा चाहेंगे वैसी नियोजन नीति बनाई जाएगी.इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए झारखंड सरकार ने एक अनूठी पहल की है.दरअसल, सरकार की ओर से एसएमएस और ऑडियो कॉल के जरिए युवाओं से संपर्क कर इस विषय में उनकी राय ली जा रही है.
इस तरह का मैसेज भेजा जा रहा है
‘ जोहार, माननीय मुख्यमंत्री नियोजन नीति एवं नियुक्ति प्रक्रिया पर आपकी राय जानना चाहते हैं। इस विषय पर आपसे जल्द ही संपर्क किया जाएगा।’ मोबाइल पर इस संदेश के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रिकार्डेड आवाज वाली कॉल आती है। रिकार्डेड कॉल में वे सवाल करते हैं – ‘ हम हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दें या जबतक 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति और पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण नीति के विषय को नौंवी अनुसूची में संरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक के लिए 2016 से पहले की नियोजन नीति को बहाल करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं? क्या पूर्व की नियोजन नीति के आधार पर भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए? अपना उत्तर हां या नहीं में दें।’
बता दें कि, यह सलाह उन युवाओं से ली जा रही है, जिन्होंने राज्य कर्मचारी चयन आयोग( जेएसएससी) के तहत विभिन्न पदों के लिए निकाली गई बहालियों के लिए आवेदन दिया है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में उच्च स्तर पर सहमति बनी है, जिससे संबंधित फैसला लेने का निर्णय मुख्यमंत्री पर छोड़ा गया है.
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