पिता ने कर्ज लेकर बेटी के लिए खरीदा धनुष, बेटी ने नेशनल चैंपियनशिप में जीता पदक
झारखंड खिलाड़ियों का प्रदेश है. यहां के खिलाड़ी अपनी मेहनत व लगन से राज्य का नाम विश्वपटल पर अंकित कर रहे हैं. लेकिन कुछ खिलाड़ियों की जिंदगी में परिस्थितियां प्रतिकूल होती हैं फिर भी उन परिस्थितियों का डटकर सामना करते हैं. आज हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर की आर्चर राज अदिति कुमारी की, जिन्होंने आर्थिक समस्याओं का सामना करते हुए राज्य के लिए मेडल जीत लिया है.
राज्य को कांस्य पदक दिलाया
प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार, अदिति ने सिक्किम में आयोजित नेशनल रैंकिंग आर्चरी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है. अदिति ने महाराष्ट्र की तीरंदाज को मात देते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया है.
इन प्रतियोगिताओं के लिए किया क्वालिफाई
बता दें कि अदिति का सलेक्शन आगामी दो प्रतियोगिताओं के लिए हो गया है. 15 मार्च से गुजरात में शुरू रही सीनियर नेशनल ओपन तीरंदाज प्रतियोगिता के लिए झारखंड टीम में अपनी जगह पक्की की है. साथ ही उन्होंने 19 मार्च से शुरू हो रहे द्वितीय नेशनल रैंकिंग तीरंदाजी के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है. आदिति एटीसी बर्मा माइंस में कोच रोहित कुमार से ट्रेनिंग लेती हैं.
पिता ने कर्ज लेकर खरीदा धनुष-बाण
बताते चलें कि अदिति के पदक जीतने व नेशनल स्तर तक पहुंचने के पीछे काफी संघर्ष किया है. अदिति के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद अदिति के पिता सूर्यमणि शर्मा ने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए 3.60 लाख रुपये का बड़ा कर्ज लिया है. कोरोना काल के दौरान हुए लॉकडाउन में सूर्यमणि शर्मा की नौकरी भी चली गयी. इसके बाद बेटी को नेशनल चैंपियनशिप खेलने जाना था, लेकिन बेटी के पास उन्नत किस्म के धनुष-बाण नहीं थे. पिता ने कर्ज लिया और बेटी के लिए धनुष-बाण खरीदा. अदिति ने अपने प्रदर्शन से राज्य और अपने पिता का नाम रोशन किया.
बता दें कि पदक जीतने के बावजूद भी अदिति को अभी तक सरकार की ओर से कोई भी सहायता नहीं मिल पाई है.