बैंक फ्रॉड मामले को लेकर झारखंड सहित इन राज्यों में पड़ी सीबीआई की रेड, जानें क्या है मामला
झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बैंक फ्रॉड के मामले को लेकर कंपनी के निदेशकों के ठिकानों पर सीबीआई की रेड पड़ी है. इस दौरान बैंक जालसाजी से जुड़े दस्तावेज सीबीआई के हाथ लगे हैं.
क्या है पूरा मामला
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सीबीआई से शिकायत की
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्यालय ने सीबीआई से शिकायत की थी. इसमें कहा गया था कि,
20 बैंकों के समूह ने कॉरपोरेटिव पावर के लिए कुल 11379.31 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था. जो कंपनी द्वारा दूसरे काम में इस्तेमाल किया गया.
वही परियोजना का काम सही वक्त पर नहीं होने की वजह से कंपनी ने बैंक का कर्जा चुकाना बंद कर दिया.
फिलहाल कंपनी पर 4037.87 करोड़ रुपए का बकाया है और यह राशि एनपीए हो चुकी है।
बैंक ऑफ इंडिया ने भी की थी शिकायत
बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की गई शिकायत के आधार पर सीबीआई दिल्ली ने 20 दिसंबर 2022 को इस बैंक जालसाजी के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की इसमें कंपनी के 12 निदेशकों को अभियुक्त बनाया.
ये थे अभियुक्त
राजीव कुमार कांके रोड रांची, प्रेम प्रकाश शर्मा अशोक नगर रांची ,अरुण गुप्ता ब्लेयर अपार्टमेंट रांची, राजीव गोयल कांके रोड, मेंसर्स कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड चंदवा लातेहार, मनोज जायसवाल नागपुर, अभिषेक जयसवाल नागपुर, अभिजीत जायसवाल नागपुर, विशाल जायसवाल कोलकाता ,एमके जायसवाल नागपुर, पीएम कृष्णन मुंबई, अरुण कुमार श्रीवास्तव नागपुर, एसएन गायकवाड गाजियाबाद.
सीबीआई की कार्यवाई
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई दिल्ली की टीम 23 दिसंबर को छापा मारा।
4037.87 करोड़ रुपए की जालसाजी से जुड़े मामले में शुक्रवार को झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में छापामारी की गई.
छापामारी के दौरान सीबीआई ने कंपनी के 12 निदेशकों को शामिल किया.
सीबीआई ने रांची में अशोक नगर स्थित कंपनी में निदेशक प्रेम प्रकाश शर्मा के ठिकाने पर छापा मारा.
इसके अलावा कंपनी के लातेहार स्थित परिसर में भी छापेमारी की गई। झारखंड के अलावा कंपनी के अन्य निदेशकों के महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई इस दौरान बैंक जालसाजी से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए हैं।