फिर से गरजे टाइगर जयराम बोलें- किसी भी कीमत पर अपनी जमीन दूसरों को ना दें…
रविवार को झारखंड में शहीद निर्मल महतो जी की जयंती मनाई गई. रामगढ़ के चितरपुर के सांडी स्थित डीएवी ग्राउंड में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति द्वारा क्रांतिकारी युवा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया .शहीद निर्मल महतो की जयंती के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर युवा टाइगर जयराम महतो शामिल हुए. जयराम महतो ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जागेश्वर महतो नागवंशी एवं संचालन संतोष बसरियार ने की.
जयराम महतो ने सभा में लोगों से कहा कि वे झारखंड के इतिहास को कभी ना भुले. उन्होंने कहा निर्मल दा के शहादत से झारखंड समेत पूरा दिल्ली कांप गया था. अंग्रेजों ने पश्चिम बंगाल और बिहार के लोगों को गुलाम बनाया ,लेकिन झारखंड घुसते ही अंग्रेजों को तीर धनुष और भाले से खदेड़ दिया गया. ऐसे महान थे हमारे निर्मल दा.
झारखंडवासियों को टाइगर का संदेश
जयराम महतो वे शहीद निर्मल महतो के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इसके बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि
जिस तरह झारखंड की खनिज संपदा कीमती है उसी तरह यहां की जमीन भी अनमोल है इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो किडनी बेच देना लेकिन अपनी जमीन नहीं बेचना। किसी भी कीमत पर अपनी जमीन दूसरों को ना दें।
किसी कीमत पर स्थानीय भाषा को लुप्त होने नहीं दे. झारखंड बनाने के लिए यहां के हजारों लोगों ने कुर्बानी दी, राज्य के विकास के नाम पर जमीन भी दिए लेकिन स्थानीय लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिला. आज यहां जितने भी बड़े-बड़े भवन बने हैं वह सब गैर झारखंडियों का है.यहां बाहरी भाषा के लागू होने से स्थानीय भाषा लुप्त हो जाएगा .उन्होंनो एक कहावत की चर्चा करते हुए कहा कि, जिसका भाषा भुला जाएगा उसका दिशा भी भुला जाएगा…
यहां के उद्योग धंधे में बाहरी लोग काम कर रहे हैं, यहां के लोग दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. झारखंड में शुरू से ही साजिश रची जा रहा है झारखंड के राजनेता गंदी राजनीति कर रहे हैं.
झारखंड 22 वर्ष के बाद भी सभी क्षेत्रों में अतिक्रमण का दंश झेल रहा है. हमें अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा.
इसी के साथ कार्यक्रम में 20 क्रांतिकारी युवाओं को शॉल देकर सम्मानित किया गया. साथ ही जिले के कई विद्यालय के छात्र छात्राओं ने पारंपरिक नृत्य भी प्रस्तुत किए.