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जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में होगा बड़ा बदलाव, नई कमिटी का किया गया गठन

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जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में होगा बड़ा बदलाव, नई कमिटी का किया गया गठन

झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली संयुक्त सिविल प्रतियोगिता परीक्षा में बड़ा बदलाव होने वाला है. इस कवायद में राज्य सरकार ने दूसरी बार उच्च स्तरीय कमिटी गठित की है,जो 15 दिनों के अंदर जेपीएससी परीक्षा नियमावली 2021, में संशोधन के बिंदुओं पर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौपेगी. आपको बता दें कि झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियमावली, 2021 में संशोधन के बाद ही अगली संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होगी।

ये संशोधन होने के संभावना हैं
नियामावली में संशोधन के लिए त्रि-स्तरीय कमिटी का गठन किया गया है. इस कमेटी के व्दारा नियामावली में मुख्यता ये संशोधन होने के संभावना जताई जा रही है-
जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कुल रिक्ति के विरुद्ध कितने गुना अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में शामिल होंगे, इसे लेकर नियमावली में स्पष्ट व्यवस्था की जा सकती है। वर्तमान नियमावली के तहत कुल रिक्ति के 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा तथा ढाई गुना अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए क्रमश: प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होता है, आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को इसमें कुछ छूट मिलती है।
प्रारंभिक परीक्षा की ओएमआर शीट वेबसाइट पर जारी करने को लेकर भी कुछ प्रविधान किया जा सकता है। वर्तमान नियमावली में इतना ही कहा गया है कि आयोग प्रारंभिक परीक्षा की ओएमआर शीट वेबसाइट पर जारी करने का प्रयास करेगा।

15 दिनों के अंदर होगी अनुशंसा
वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खियांग्ते की अध्यक्षता में त्रि-सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है. इस तीन सदस्यीय कमिटी में वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह तथा कार्मिक सचिव वंदना दादेल सदस्य बनाए गए हैं। यह कमेटी झारखंड लोक सेवा आयोग से प्रस्ताव की समीक्षा कर उस पर निर्णय लेते हुए 15 दिनों में राज्य सरकार को अपनी अनुशंसा करेगी।
राज्य सरकार ने पूर्व में केके खंडेलवाल के अध्यक्षता में भी एक कमेटी का गठन किया था, लेकिन बताया जाता है कि उस कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट ही नहीं सौंपी। और इसी नियमावली के आधार पर सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा संयुक्त रूप से हुई थी।

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