पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर “मईया सम्मान योजना” के फॉर्म स्वीकृत न करने का आरोप लगाया है। मरांडी ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा जमा किए गए आवेदन लंबित पड़े हैं और कई मामलों में पिछले वर्ष जमा फॉर्म भी स्वीकृत नहीं हुए। उन्होंने दावा किया कि योजना से जुड़े फॉर्म लेने में अनियमितता हो रही है और यह स्पष्ट नहीं किया जा रहा कि आवेदन क्यों रोके जा रहे हैं।

मरांडी ने X पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार “झारखंड की माताओं-बहनों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है”, वहीं दूसरी ओर उनके मुताबिक “बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों” को फर्जी तरीके से लाभ पहुंचाने की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति चिंताजनक है और सरकार को इस पर तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कार्यक्रम की कार्यशैली पर उठाए सवाल
मरांडी ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि शिविरों में जनता से आवेदन तो लिए जाते हैं, लेकिन बाद में “उन्हें कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाता है।” उन्होंने आरोप लगाया कि कई अधिकारी दफ्तरों में तो जनता का काम करते नहीं, और अब शिविरों में भी केवल औपचारिकता निभाई जा रही है।
मरांडी का कहना है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण वास्तविक लाभार्थी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि मईया सम्मान योजना के फॉर्म क्यों रोके गए हैं और किन कारणों से आवेदकों की फाइलें लंबित पड़ी हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा सीधे तौर पर गरीब, ग्रामीण और वंचित वर्ग की महिलाओं से जुड़ा है, इसलिए सरकार को तथ्यों के साथ जवाब देना चाहिए।