झारखंड में अब 11 महिने के कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाएंगे शिक्षक !
झारखंड में हाईकोर्ट के व्दारा नियोजन नीति रद्द किए जाने के बाद राज्य में शिक्षकों की बहाली को लेकर कई अटकलें आ रही हैं. आंकड़ों की माने तो झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 95,897 पद खाली हैं। इन पदों पर अब सरकार संविदा पर शिक्षक बहाली करने की तैयारी कर रही है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के ताजा बयान के अनुसार, अब इन सभी पदों पर केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर 11 महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षकों को रखने की योजना बनायी जा रही है.
क्या कहा शिक्षा मंत्री ने
राज्य में शिक्षक बहाली को लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि- ”जब तक नियुक्ति नियमावली नहीं बन जाती, तब तक शिक्षकों की नियुक्ति का कोई और रास्ता तलाश रहे हैं। हम केंद्रीय विद्यालयों की तरह 11 महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षकों को रखने की योजना बना रहे हैं। हालांकि ऐसी नियुक्ति में भी आरक्षण रोस्टर का पालन किया जाएगा। ऐसे में राज्य के युवाओं को सरकारी स्कूलों में नियमित नियुक्ति के लिए अभी और इंतजार करना होगा। हम बच्चों की पढ़ाई और राज्य के युवा बेरोजगारों को लेकर चिंतित हैं। इसका समाधान शीघ्र होगा।”
झारखंड के 6200 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक
नई शिक्षा नीति की बात करें तो इसके मुताबिक हर 30 बच्चे पर एक शिक्षक होना जरूरी है। वहीं सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की अधिकता वाले क्षेत्रों में 25 बच्चों पर एक शिक्षक अनिवार्य है. लेकिन झारखंड की दशा की बात करें तो यूनेस्को की ‘स्टेट ऑफ द एजुकेशन रिपोर्ट फॉर इंडिया’ के अनुसार ,झारखंड के 6200 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यह स्थिति काफी चिंताजनक है.
राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की सख्त जरुरत है. सरकार स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भी कोई एक्शन नहीं ले रही है. अब देखना ये होगा कि सरकार समय पर कोई निर्णय ले पाती है या नहीं.