रांची के ओरमांझी में स्थित आरटीसी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बुधवार को फाउंडेशन डे 2025 का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार शामिल, कार्यक्रम की शुरुआत माननीय राज्यपाल के स्वागत से हुआ, एनसीसी कैडेट्स ने उन्हें सम्मानपूर्वक गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। अतिथियों के आगमन से संस्थान परिसर में उत्साह, अनुशासन और शैक्षणिक गरिमा का विशिष्ट वातावरण दिखाई दिया।

माननीय राज्यपाल को पारंपरिक लोकनृत्य के साथ मंच तक ले जाया गया, जहाँ विद्यार्थियों द्वारा गुलदस्ता भेंट कर सभी विशिष्ट अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया। इसके उपरांत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ, जिसने पूरे कार्यक्रम को सांस्कृतिक गरिमा से विभूषित किया।

औपचारिक सत्र की शुरुआत प्राचार्य डॉ. एन. हरि बाबू के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने संस्थान की शैक्षणिक उपलब्धियों, अनुसंधान–उन्मुख पहलों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। इसके बाद जी.ए.वी. समिति के सचिव श्री पी. एन. महतो ने ग्रामीण शिक्षा के विकास, तकनीकी जागरूकता और सामाजिक उन्नयन के क्षेत्र में संस्थान के योगदान का उल्लेख किया। तत्पश्चात डॉ. डी. के. सिंह, कुलपति, झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने IoT, नवाचार, आधुनिक तकनीकी रुझानों और इंडस्ट्री–अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए।

विशिष्ट अतिथि श्री आदित्य प्रसाद, सांसद (राज्यसभा) ने अपने संबोधन में आरटीसीआईटी को राज्य के तकनीकी भविष्य का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। आरटीसीआईटी के अध्यक्ष श्री राम टहल चौधरी ने छात्राओं की शिक्षा, संस्थान की उन्नति और गुणवत्तापूर्ण तकनीकी प्रशिक्षण को संस्था की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण माननीय राज्यपाल का प्रेरक उद्बोधन रहा। उन्होंने युवाओं, नवाचार, उद्यमिता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और राज्य के विकास पर सारगर्भित विचार रखते हुए कहा—

“सफल वही होता है जो सीखना कभी बंद नहीं करता।”

यह संदेश विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी सिद्ध हुआ।

इसके पश्चात मेधावी विद्यार्थियों, शोधकर्ता छात्रों एवं उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धि प्राप्त करने वाले संकाय सदस्यों को सम्मानित किया गया। तकनीकी नवाचारों को दर्शाते हुए आयोजित टेक्निकल प्रोजेक्ट मॉडल एक्सपो  ने समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों को प्रभावित किया।

फ़ेलिसिटेशन सत्र पूरे कार्यक्रम का अत्यंत गरिमामय और भावपूर्ण चरण रहा। इस अनुच्छेद में सभी विशिष्ट नाम पूरे सम्मान के साथ सम्मिलित किए गए हैं

इस क्रम में आरटीसीआईटी के अध्यक्ष श्री राम टहल चौधरी द्वारा माननीय राज्यपाल को मोमेंटो भेंट किया गया। इसके बाद निदेशक श्री ए. पी. सिंह ने आरटीसीआईटी अध्यक्ष श्री राम टहल चौधरी को मोमेंटो प्रदान किया। इसके पश्चात आरटीसीआईटी के सचिव श्री एस. एन. महतो ने सांसद श्री आदित्य प्रसाद को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इसी क्रम में जी.ए.वी. समिति के सचिव श्री पी. एन. महतो ने कुलपति, झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, डॉ. डी. के. सिंह को मोमेंटो भेंट किया। तत्पश्चात प्रबंध निदेशक श्री सुमीत राज ने जी.ए.वी. सचिव श्री पी. एन. महतो का सम्मान किया। अंत में प्राचार्य डॉ. एन. हरि बाबू ने आरटीसीआईटी सचिव श्री एस. एन. महतो को मोमेंटो भेंट कर समारोह की औपचारिकता को पूर्णता प्रदान की। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया संस्थान की कृतज्ञता, सम्मान और प्रतिष्ठित परंपरा का सुंदर प्रतीक बनी।

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ, जिसने पूरे आयोजन को एकता, अनुशासन और सम्मान की भावना के साथ ऐतिहासिक रूप से पूर्ण किया। फाउंडेशन डे 2025 का यह सफल आयोजन आरटीसी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की शैक्षणिक उत्कृष्टता, नेतृत्व क्षमता और नवाचार–उन्मुख दृष्टि का प्रबल प्रमाण बनकर सामने आया। संस्थान आने वाले वर्षों में भी तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान और राज्य के समग्र विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निरंतर निभाता रहेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि यह अवसर केवल उत्सव का नहीं, बल्कि आत्ममंथन, संकल्प और भविष्य की योजनाओं पर विचार का भी है।

राज्यपाल महोदय ने कहा कि हर्ष है कि वर्ष 2008 में पूर्व लोकसभा सांसद श्री राम टहल चौधरी जी के मार्गदर्शन में स्थापित यह संस्थान राज्य की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की दिशा में एक सशक्त स्तंभ की ओर अग्रसर है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आर.टी.सी. इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के अंतर्गत NAAC मान्यता प्राप्त करने वाला पहला निजी संस्थान है।

राज्यपाल महोदय ने कहा कि झारखंड की धरती क्षमता, सपनों और संघर्ष की धरती है। प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ यहाँ की असली शक्ति हमारे युवा हैं, जिनमें आगे बढ़ने की असीम ऊर्जा और नवाचार की अपार सम्भावनाएँ हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस संस्थान के विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से समाज और राज्य के विकास को नई दिशा देंगे।

राज्यपाल महोदय ने कहा कि स्थापना दिवस केवल संस्थान की यात्रा का उत्सव नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के सपनों और उपलब्धियों का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। उन्होंने विद्यार्थियों को उद्योग, स्टार्टअप तथा अनुसंधान के क्षेत्रों में आगे बढ़कर देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।

राज्यपाल महोदय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप, डिजिटल तकनीक, हरित ऊर्जा, रक्षा निर्माण और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे क्षेत्रों में देश नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। आज का युवा केवल ‘जॉब सीकर’ नहीं, बल्कि ‘जॉब क्रिएटर’ बनकर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

राज्यपाल महोदय ने शिक्षकों से कहा कि शिक्षक किसी भी शिक्षण संस्थान की आत्मा होते हैं और यह आवश्यक है कि वे विद्यार्थियों में जिज्ञासा, नैतिकता, नवाचार और जिम्मेदारी की भावना का विकास करें। उन्होंने संस्थान से आह्वान किया कि वह स्थानीय उद्योगों, MSMEs, खनन, कृषि-प्रौद्योगिकी, आईटी और रोजगार उन्मुख क्षेत्रों के साथ मजबूत साझेदारियाँ बनाए, ताकि विद्यार्थियों को उद्योग-आधारित ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि RTC Institute of Technology के विद्यार्थी भविष्य में आधारभूत संरचना, ऊर्जा, खनन, डिजिटल सेवाओं और उद्यमिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देंगे।

राज्यपाल महोदय ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफल वही होता है जो सीखना कभी बंद नहीं करता। नए विचारों के लिए मन खुला रखें, कठोर परिश्रम करें और हमेशा विनम्र बने रहें। जैसे फलदार वृक्ष फल आने पर झुक जाता है, उसी प्रकार विद्या और सफलता मनुष्य को और अधिक विनम्र बनाती है। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, परिश्रम, अनुशासन और विनम्रता, आपको जीवनभर आगे ले जाएंगे। अपने जीवन में इन मूल्यों को कभी न छोड़ें।

माननीय राज्यपाल ने अपने संबोधन यह भी उल्लेख किया कि आज संविधान दिवस है। हमारे महान संविधान निर्माताओं ने देश को एक ऐसा संविधान दिया, जो न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की मूल भावना पर आधारित है। उन्होंने सभी से संविधान के मूल्यों को समझने और अपने जीवन में आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया।

राज्यपाल महोदय ने वहाँ विद्यार्थियों द्वारा निर्मित उपकरण का अवलोकन भी किया।