हाईकोर्ट ने सरकार को दिया निर्देश, कहा- 10 साल से अधिक सेवा दे चुके संविदा कर्मियों को करें नियमित
संविदा कर्मियों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने फैसला अनुबंध कर्मियों के हित में लिया है. इस मामले पर अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि- जो संविदा कर्मी 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे उन्हे सरकार अब नियमित करें.
क्या है मामला
संविदा कर्मियों ने अदालत में याचिका दायर की थी, प्रार्थियों ने याचिका में कहा था कि वह सभी परिवहन विभाग में 10 साल से अधिक समय से कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं. वे सभी अनुबंध पर कार्यरत हैं. प्रार्थियों के अनुसार, पूर्व में सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि ऐसे कर्मचारी जिनकी 2006 में 10 साल तक सेवा पूरी हुई उन्हें नियमित करने पर विचार हो
इसके नरेंद्र तिवारी और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और सरकार के कट ऑफ डेट को गलत बताया था. याचिका में कहा गया था कि झारखंड का गठन ही 2000 में हुआ है ऐसे में 10 साल तक की सेवा 2006 में किसी भी हाल में पूरी नहीं हो रही है .
प्रार्थीयों ने अदालत को बताया कि सरकार ने ऐसे कई कर्मियों को नियमित की है जिन की सेवा 10 साल पूरी नहीं हुई है जबकि प्रार्थी 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं उनकी सेवा नियमित की जाए. 2017 में हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी इसके बाद सभी सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.
अधिवक्ता इंद्रजीत सिंह ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा था कि, राज्य सरकार 10 साल तक सेवा पूरी करने वालों को नियमित करें .
वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सेवा नियमित करने का आदेश दिया लेकिन सरकार ने कहा कि -उनकी नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया है. इस कारण सेवा नियमित नहीं की जा सकती, सरकार ने सभी की सेवा ही समाप्त कर दी थी.
अदालत का फैसला
जस्टिस डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए सरकार को आदेश की कॉपी मिलने के 12 हफ्ते में सेवा नियमित करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि अब बहुत हो गई संविदा पर नियुक्ति. सरकार को अब नियमित नियुक्ति ही करनी होगी और जो लोग पहले से संविदा पर कार्यरत हैं उन्हें सरकार तत्काल नियमित करें।