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21 और 22 फरवरी को पारसनाथ में आदिवासियों का होगा महाजुटान

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21 और 22 फरवरी को पारसनाथ में आदिवासियों का होगा महाजुटान

विधायक लोबिन हेंब्रम ने पारसनाथ मुद्दे को लेकर फिर से पारसनाथ पहाड़ियों में आदिवासियों के महाजुटान का ऐलान किया है. लोबिन हेंब्रम ने पारसनाथ पहाड़ी वाले विवाद को लेकर कहा कि पारसनाथ आदिवासियों का है साथ ही उन्होंने आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि 4 मार्च को हजारीबाग में प्रमंडल लिए सम्मेलन होगा.

पारसनाथ आदिवासियों का था और आदिवासियों का रहेगा :लोबिन हेंब्रम
नवभारत टाइम्स से बातचीत के दौरान विधायक हेंब्रम ने कहा कि- पारसनाथ आदिवासियों का था और आदिवासियों का ही रहेगा। आदिवासी परंपरा के अनुसार वहां बलि भी दिया जाएगा और मदिरा भी चढ़ेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासियों को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे है। उन्होंने बताया कि पारसनाथ को लेकर सीएम की ओर से केंद्र सरकार को जो पत्र लिखा जाता है, उसमें आदिवासी शब्द का कहीं जिक्र नहीं होता है। इसे जैन मुनियों का तीर्थ स्थल बताया जाता है। अब आदिवासी और बेवकूफ नहीं बनने वाले हैं.

बता दें कि लोबिन हेंब्रम ने झारखंड में आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि 21 और 22 फरवरी को पारसनाथ में आदिवासियों का महाजुटान होगा. यहीं नहीं आंदोलन का सिलसिसा पूरे महिने जारी रहेगा. अगले महिने 4 मार्च को हजारीबाग में प्रमंडल लिए सम्मेलन होगा. 13-14 मार्च को विधानसभा के समक्ष धरना दिया जाएगा. 15 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा और 18 मार्च को राजधानी रांची में रैली होगी

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