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कौन हैं झारखंड के ‘ब्ले’डमैन’, अब तक एकत्र कर चुके हैं 4 क्विंटल से अधिक ब्ले’ड,जानें क्या है वजह…

blademan

कौन हैं झारखंड के ‘ब्ले’डमैन’, अब तक एकत्र कर चुके हैं 4 क्विंटल से अधिक ब्ले’ड,जानें क्या है वजह…

झारखंड के जमशेदपुर में एक शख्स को वहां के लोगों ने ‘ब्ले’ड मैन’ का नाम दिया है. ‘ब्ले’ड मैन’ का नाम अखिलेश चौधरी है.अखिलेश टिन प्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड में सिक्योरिटी ऑफिसर हैं. लेकिन इनका एक और काम शहर भर से ब्ले’ड एकत्र करना है. न्यूज18 को अखिलेश ने बताया कि वो ऐसा इसलिए करते हैं ताकि ये ब्ले’ड कचरे में पहुंच कर मवेशियों, खास कर गायों को नुकसान नहीं पहुंचा सके और नालियों व डस्टबिन में पहुंच कर सफाई कर्मियों को जख्मी नहीं कर पाए. अखिलेश चौधरी को जमशेदपुर जेएनएसी के द्वारा सम्मानित भी किया गया है और उनके कार्यों की सराहना की गई है.


कैसे मिली प्रेरणा
अखिलेश चौधरी ने ब्ले’ड एकत्र करने का काम 2014 में शुरू किया था. वो टिनप्लेट इलाके में मुन्ना सैलून में दाढ़ी बनवा रहे थे, तभी उन्होंने सुना कि एक डस्टबिन में पड़े बासी खाना खा रही दो गायों के पेट में ब्ले’ड का गुच्छा चला गया है. गायों का मुंह और गला कट गया है. वो जख्मी गायों को अस्पताल ले गए, लेकिन, गायों ने दम तोड़ दिया. इस घटना से अखिलेश का मन उद्वेलित हो गया. तभी से उन्होंने हज्जाम की दुकानों से ब्ले’ड एकत्र करने की ठान ली.


कैसे की काम की शुरुआत
जब उन्होंने काम शुरु किया तो वो खुद ही सैलून से ब्ले’ड का गुच्छा हर हफ्ते एकत्र करते थे. लेकिन बाद में अखिलेश ने कई स्टीकर बनवाएं और सैलून पर चिपका दिए. इसका असर हुआ. हज्जामों ने उन्हें हफ्ते भर का ब्ले’ड अखिलेश को देना शुरू कर दिया. अब उनके साथ 20 युवक ब्ले’ड एकत्र करने में जुटे हैं. 8 सालों से ये जमशेदपुर के विभिन्न इलाके के सैलून से ब्ले’ड एकत्रित कर रहे हैं और अब तक 4 क्विंटल से अधिक यानी 16 लाख से भी अधिक ब्ले’ड के टुकड़े संग्रह कर चुके हैं. जमशेदपुर के करीबन डेढ़ सौ से अधिक सैलून से ब्ले’ड एकत्रित किए जा रहे हैं.

क्या होता है इन ब्ले’ड का
पूरी शहर से ब्ले’ड एकत्र कर के इसे एक जगह पर संग्रह किया जाता है. फिलहाल इस 4 क्विंटल ब्ले’ड के टुकड़े की साफ-सफाई के बाद इसे तौल कर झोले मे रखा गया है, ताकि इसे गलाकर लोहार व्दारा किसी मूर्ति का रुप दे दिया जाए.

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