दिल्ली हिंसा में 35 की मौत, भड़काऊ बयान पर केस दर्ज करने का आदेश देने वाले जज का तबादला !

राजधानी दिल्ली का उत्तर पूर्वी क्षेत्र हिंसा के बाद अब धीरे धीरे पटरी पर लौट रहा है। इस हिंसा में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही हिंसा में 56 पुलिसकर्मियों समेत करीब 200 लोग घायल हुए है। उधर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर केस दर्ज करने का आदेश देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर का तबादला कर दिया गया है। जिस पर अब राजनीति शुरू हो गई है।
दरअसल नागरिकता कानून के समर्थक और विरोधियों के बीच झड़प के बाद राजधानी के उत्तर पूर्व में रविवार को हिंसा फैली थी और ये हिंसा मंगलवार तक जारी रही है। इस दौरान उपद्रवियों ने अलग अलग क्षेत्रों में जमकर उपद्रव मचाया। कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिया। साथ ही कई जिंदगियों को भी खत्म कर दिया। हालांकि बुधवार को पुलिस ने हिंसा पर काबू पा लिया है। फिलहाल हिंसाग्रस्त सभी इलाके शांत है और वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। दिल्ली पुलिस हिंसा में शामिल 106 लोगों को गिरफ्तार किया है साथ ही 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज भी किया है।
वहीं दिल्ली हिंसा की सुनवाई के दौरान पुलिस को फटकार लगाने वाले व भड़काऊ बयान देने बीजेपी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज का आदेश देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया है। हालांकि उनके तबादले की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 12 फरवरी को ही की गई थी लेकिन तबादले का नोटिफिकेशन दो हफ्ते बाद जारी किया गया है।
अब इसकी टायमिंग को लेकर विपक्ष हमलावार हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा “बहादुर जज लोया को नमन, जिनका ट्रांसफर नहीं किया गया था”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी जस्टिस एस मुरलीधर का तबादले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट “आधी रात में जस्टिस मुरलीधर का तबादले से हैरानी हुई। सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है”।