सम्मेद शिखरजी को लेकर झारखंड में आंदोलन तेज़, 27 जनवरी से सम्मेद शिखरजी में जुटेंगे जैन श्रद्धालु
सम्मेद शिखर जी को लेकर झारखंड समेत देश भर में आंदोलन तेज होता नज़र आ रहा है. गिरिडीह जिले में अवस्थित पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. इसी बीच 27 जनवरी से 3 फरवरी तक जैन धर्मावलंबियों का पारसनाथ में धार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जैन समुदाय व्दारा विरोध प्रदर्शन में मौन जुलूस भी निकाला जाएगा. इस सम्मेलन में भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर भी चर्चा हो सकती है।
क्या कदम उठाए गए
देश भर में जैन समुदाय के विरोध पर झारखंड सरकार ने साफ किया गया है कि इस स्थल की पवित्रता और महत्ता बरकरार रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही राज्य के पर्यटन, कला, संस्कृति और खेलकूद विभाग के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि – जैन धर्मावलंबियों की भावना का ध्यान रखते हुए यहां मांस-शराब पहले से पूरी तरह से प्रतिबंधित है। राज्य सरकार ने गिरिडीह जिले के उपायुक्त को निर्देश दिया है कि यह प्रतिबंध प्रभावी तरीके से लागू हो।
क्या है मामला
सम्मेद शिखरजी को राज्य सरकार व्दारा पर्यटन स्थल बनाने के फैसले का देशभर से जैन समुदाय के लोग विरोध कर रहे है. जैन समाज का कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने से इस पूज्य स्थान की पवित्रता भंग होगी। इससे अहिंसक जैन समाज की भावना आहत होगी। इस कारण जैन समाज के लोग पारसनाथ को तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग कर रहे है। इस संबंध में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पारसनाथ को तीर्थस्थल घोषित करने का आग्रह किया है। राज्य सरकार की ओर से भी भरोसा दिलाया गया है कि पारसनाथ की पवित्रता बरकरार रहेगी।