झारखंड में कैसे कर रहे हैं बांग्लादेशी घुसपैठ, हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय व राज्य सरकार से पूछा!
झारखंड में बांग्लादेशी नागरिकों के घुसपैठ की समस्या मौजूद है और यह जनसंख्या और सामाजिक समस्याओं का कारण बन रही है। जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज जैसे झारखंड के इलाकों में बांग्लादेशी नागरिकों के घुसपैठ का दावा किया जा रहा है।
इसी को लेकर एक याचिका हाइकोर्ट में दायर की गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय व राज्य सरकार से यह पूछा की बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड में कैसे घुस रहे हैं।
हाइकोर्ट ने मंत्रालय से पूछा क्या संथाल परगना के सीमावर्ती इलाकों में बांग्लादेशी नागरिकों के घुसपैठ की जानकारी है या नहीं।घुसपैठ हो रहा है तो उसको रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, मामले की दोबारा सुनवाई 19 जुलाई को होगी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को चार हफ्ते के अंदर इस मामले पर जवाब देना होगा।
आपको बता दें की याचिका कहा गया था की जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज जिलों में बांग्लादेशी नागरिकों के घुसपैठ के कारण जनसंख्या और सामाजिक समस्याएं बढ़ रही हैं। इन इलाकों में बड़ी संख्या में मदरसे बनाए जा रहे हैं और स्थानीय ट्राइबल लोगों को गुमराह कर उनसे शादी की जा रही है। यह समस्याएं स्थानीय जनसंख्या को प्रभावित कर रही हैं और इसका समाधान निकालने के लिए संघर्ष जारी है।
पांच साल पहले NRC लागू करने के लिए उस वक़्त की तत्कालीन झारखंड सरकार ने एक रिपोर्ट बनायी थी, जिसमें साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की आबादी की तेज़ी से वृद्धि का उल्लेख किया गया था। झारखंड और बांग्लादेश की सीमा केवल 40 किलोमीटर दूर है, झारखंड में फरक्का, उढ़ावा, पीयारपुर, बेगमगंज, फूकदकीपुर, दियारा, चांदशहर और प्राणपुर इत्यादि क्षेत्रों से बांग्लादेशी घुसपैठियों की आवाजाही हो रही है।