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झारखंड के एक और IAS अफसर भेजे गए जेल !

झारखंड के एक और IAS अफसर भेजे गए जेल !

झारखंड के एक और आईएएस अधिकारी जेल पहुंच गए हैं, पूजा सिंघल, छवि रंजन के अब आईएएस अधिकारी व पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार को जेल भेज गया है।

आईएएस अधिकारी अनिल कुमार ने मंगलवार को साहिबगंज कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद कोर्ट ने साहिबगंज मंडल कारा भेज दिया।

दरसअल आईएएस अधिकारी और पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था और वह नवंबर 2022 से फरार चल रहे थे।

क्या है पूरा मामला:
पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार 2012 से 2014 तक साहिबगंज में जिला आपूर्ति पदाधिकारी (डीएसओ) के पद पर कार्यरत थे और उनका पंचायती राज पदाधिकारी के प्रभार में भी योगदान था। उन्हें शिक्षक नियुक्ति मामले के चलते जांच कमिटी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। जांच में उनके खिलाफ संचिका को गायब करने का आरोप लगा था। यह मामला पिछले साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में अनिल कुमार को प्रोन्नति मिलने के पश्चात हुआ था।

इसी दौरान 2014 में, जब तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की कार्यकाल में थे, फिर से गायब संचिका के मामले में शिकायत दर्ज की गई थी। उसके बाद पुरानी फाइल की खोजबीन शुरू की गई, लेकिन गायब फाइल नहीं मिली। संचिका की गैरमौजूदगी के कारण, तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की ने शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक गोपाल चंद्र सिंह, लिपिक पंचानन महतो, दिलीप कुमार पांडेय, राहुल आनंद सिंह के साथ साथ आरईओ सतीश चंद्र सिंकू के खिलाफ जिरवाबादी ओपी में मामला दर्ज कराया।

मामले की जांच में सामने आया कि अनिल कुमार जांच के क्रम में उक्त फाइल को ले गए थे। इसके बाद, अनिल कुमार के साथ ही पूर्व डीईओ सुशील कुमार राय को भी अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया।

हाई कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद किया सरेंडर:
अनिल कुमार ने जब उच्च न्यायालय में जमानत के लिए आर्जी दी थी, तो याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद, उन्होंने साहिबगंज कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया और उसके बाद सीजेएम कोर्ट ने जमानत को खारिज कर दिया और अनिल कुमार को जेल भेज दिया।

तत्कालीन साहिबगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियरन तिर्की ने सुशील कुमार राम, तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी साहिबगंज, और अन्यों के खिलाफ कुछ धाराओं के तहत प्राथमिक दर्ज कराई थी। संचिका गायब होने के मामले में दिलीप कुमार पांडे लिपिक की सेवा समाप्ति के आदेश की कापी संलग्न थी।

आरोपी के द्वारा संचिका गायब करने की बात सामने आई थी। अभियुक्त ने झारखंड उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन किया था, लेकिन वह आवेदन 927 / 2022 दिनांक 5.5.2023 को खारिज कर दिया गया। इसके बाद, मंगलवार को उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय साहिबगंज में आत्मसमर्पण किया। आगे की कार्रवाई के लिए एक पखवाड़े की तिथि निर्धारित की गई है, और आरोपी की ओर से वरीय अधिवक्ता विजय करण और लाल बाबू यादव पैरवी कर रहे हैं।

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